राम कुमार चौधरी ने कहा- हर्ष महाजन स्वयं उनके घर भाजपा में शामिल होने का निमंत्रण लाए थे

रामकुमार चौधरी ने कहा: हर्ष महाजन स्वयं उनके घर बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव लाए थे
हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, जहाँ कांग्रेस के पूर्व विधायक रामकुमार चौधरी ने कुछ अहम खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी में शामिल होने के लिए हर्ष महाजन खुद उनके घर आए थे। रामकुमार ने यह भी बताया कि उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव स्वीकार किया था।
चौधरी का दावा है कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए कोई मजबूरी नहीं थी, बल्कि यह निर्णय उन्होंने अपने विवेक से लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सोच और बीजेपी की नीतियों में काफी साम्य है, इसलिए यह निर्णय आसान था।
हर्ष महाजन का दावा: ‘रामकुमार चौधरी कांग्रेस से बीजेपी में आने के इच्छुक थे’
बीजेपी सांसद हर्ष महाजन ने रामकुमार चौधरी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायक चौधरी वास्तव में बीजेपी में शामिल होने के लिए इच्छुक थे। महाजन ने कहा कि यह सब कुछ सत्ता के भय से था, विशेषकर सीबीआई की छापेमारी के डर से। वे इस मामले में दो टूक बोलते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है, उसके पीछे डर का एक बड़ा कारण है।
महाजन का कहना है कि चौधरी की यह चाहत उनके कार्यकाल की शुरुआत से ही थी और बीजेपी ने उन्हें हमेशा एक अच्छे सहयोगी के रूप में देखा है।
चौधरी ने महाजन पर आरोप लगाया: ‘हर्ष महाजन झूठ बोलकर कर रहे हैं गुमराह’
रामकुमार चौधरी ने हर्ष महाजन के दावों का खंडन करते हुए कहा कि वह सिर्फ झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाजन की बातें सच्चाई के विपरीत हैं और वे सच को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। चौधरी ने अपने कार्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया, जिसमें उन्हें बीजेपी में आने के लिए मजबूर होना पड़ा हो।
चौधरी ने यह भी कहा कि वे अपनी राजनीतिक विरासत के प्रति ईमानदार रहेंगे और सभी सवालों का सामना करेंगे। उनका कहना है कि अगर किसी को लगता है कि वे धमकाने से डर जाएंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है।
सोलन में दिए गए न्यौते पर चौधरी की प्रतिक्रिया
सोलन में अपने घर पर चुनावी प्रचार के दौरान, रामकुमार ने स्पष्ट किया कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने का न्यौता उनके घर पर ही दिया गया था। इस सम्मेलन में विभिन्न कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भाग लिया था, जिन्होंने रामकुमार को बीजेपी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
चौधरी ने यह भी कहा कि किसी ने उन पर जोर-जबरदस्ती करने की कोशिश नहीं की, और यह निर्णय पूरी तरह से उनकी अपनी मर्जी का था।
महाजन का आरोप: ‘ईडी के डर से आए थे रामकुमार’
हर्ष महाजन ने यह कहकर एक बार फिर चौधरी पर कटाक्ष किया कि उन्हें ईडी की छापेमारी के डर से बीजेपी में शामिल होने का फैसला लेना पड़ा। महाजन ने खुलासा किया कि कई कांग्रेसी विधायक इस स्थिति का सामना कर रहे हैं और बीजेपी में आने के विचार कर रहे हैं।
महाजन ने अपने बयान में कहा कि यह साफ है कि कांग्रेस के अंदर गहरे संकट का सामना हो रहा है और कई लोग अब बीजेपी में आने के लिए तैयार हो रहे हैं।
चौधरी की बेबाकी: ‘मुझे कोई डर नहीं है’
रामकुमार चौधरी ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भी केंद्रीय एजेंसी के दवाब से डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि वे एक स्वतंत्र विकासशील नेता हैं और उन्हें अपने निर्णयों पर पूरा विश्वास है। चौधरी ने अपनी पार्टी कांग्रेस की नीतियों पर भी चर्चा की और कहा कि यह सही समय है कि लोग कांग्रेस के साथ जुड़ें और पार्टी को मजबूत बनाएं।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में चल रहा यह संकट इस बात का प्रतीक है कि राजनीतिक दलों के बीच विश्वास और ईमानदारी की कमी है। रामकुमार चौधरी और हर्ष महाजन के बीच का यह विवाद सिर्फ एक व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि देश की राजनीति का एक बड़ा परिपेक्ष्य है, जिसमें नेता अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
राजनीतिगत बयानबाजी और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने का यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक कि नैतिकता और नेतृत्व की सही परिभाषा नहीं बनती। हर्ष महाजन और रामकुमार चौधरी के बीच का यह टकराव केवल हिमाचल प्रदेश की राजनीति को ही नहीं, बल्कि देशभर की राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है।
इसलिए, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में क्या स्थिति बनती है, और क्या चौधरी अपने दावों को साबित कर पाएंगे या महाजन अपने आरोपों को कायम रख पाएंगे। इस समय राजनीतिक दृष्टिकोण से हिमाचल प्रदेश एक विशेष मुकाम पर खड़ा है, जिसे सूझबूझ से संभालने की आवश्यकता है।