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इज़राइल के हवाई हमलों में गाज़ा में 30 लोगों की मौत; हमास ने युद्धविराम उल्लंघन से किया इनकार

गाज़ा पर इज़राइल के हवाई हमले : 30 से अधिक फ़िलिस्तीनियों की मौत, सीज़फ़ायर के बीच बढ़ा तनाव

गाज़ा पर इज़राइल के हालिया हवाई हमलों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। सीज़फ़ायर लागू होने के बावजूद इज़राइल ने गाज़ा में हवाई हमले किए, जिनमें 30 से अधिक फ़िलिस्तीनियों की मौत हो गई है।

इज़राइल का कहना है कि हमास ने पहले सीज़फ़ायर का उल्लंघन करते हुए गाज़ा में तैनात उसके सैनिकों पर हमला किया, जिसके जवाब में यह कार्रवाई की गई। वहीं, हमास ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि वह युद्धविराम समझौते का पूर्णतः पालन कर रहा है।

मंगलवार को हुए इन हवाई हमलों में गाज़ा सिटी, ख़ान यूनिस, बेत लहिया और अल-बुरैज जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया गया।

गाज़ा के अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। गाज़ा सिटी के साबरा इलाके में एक मकान पर बमबारी से तीन महिलाओं सहित चार लोगों की मौत हुई, जबकि ख़ान यूनिस में एक वाहन पर हमला होने से दो बच्चों सहित पाँच लोगों की जान चली गई।

लगभग 20 दिन पहले इज़राइल और हमास के बीच सीज़फ़ायर समझौता हुआ था। यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तुत 20 सूत्री शांति योजना के बाद हुआ था, जिस पर 9 अक्तूबर को हमास ने सहमति जताई थी।

इज़राइली रक्षामंत्री बोले – हमास ने ‘रेड लाइन’ पार की

तनाव के बढ़ने पर इज़राइल के रक्षा मंत्री इस्राइल कैट्ज़ ने कहा कि हमास ने गाज़ा में इज़राइली सैनिकों पर हमला कर और मृत बंधकों के शव न लौटाकर समझौते का उल्लंघन किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि हमास को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी मंगलवार रात बयान जारी कर हमास के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

वहीं, हमास ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उसका किसी हमले से कोई लेना-देना नहीं है और वह सीज़फ़ायर पर कायम है। हमास ने इज़राइल की कार्रवाई को नागरिकों पर सीधा हमला बताया और आरोप लगाया कि इज़राइल जानबूझकर युद्धविराम तोड़ना चाहता है।

हमास पर गलत शव लौटाने का आरोप

नेतन्याहू ने यह भी आरोप लगाया कि युद्धविराम समझौते के तहत हमास ने जो शव लौटाया वह किसी अन्य व्यक्ति का था। इसे समझौते का गंभीर उल्लंघन बताया गया। समझौते के अनुसार हमास को सभी इज़राइली बंधकों के शव जल्द लौटाने थे।

हमास का कहना है कि इज़राइली हमलों के कारण शव बरामद करने की प्रक्रिया बाधित हुई है। मंगलवार को खान यूनिस में एक गड्ढे से एक सफेद बैग निकाला गया और एम्बुलेंस में रखा गया, पर अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि उसमें क्या था।

गाज़ा में अभी भी 13 इज़राइली बंधकों के शव शेष हैं। हमास का कहना है कि तबाही इतनी भयंकर है कि शव ढूँढना कठिन हो गया है, जबकि इज़राइल का आरोप है कि हमास जानबूझकर देरी कर रहा है। मिस्र ने खोज में मदद के लिए विशेषज्ञों और भारी मशीनों को भेजा है।

इज़राइल गाज़ा की मानवीय सहायता रोक सकता है

इज़राइली मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री नेतन्याहू गाज़ा को दी जाने वाली मानवीय सहायता रोकने, कब्ज़ा बढ़ाने और हमास के शीर्ष नेताओं पर लक्षित हवाई हमले करने जैसे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

उधर, इज़राइली सेना ने मंगलवार सुबह वेस्ट बैंक के जेनिन इलाके में अभियान चलाकर तीन फ़िलिस्तीनी लड़ाकों को मार गिराया। सेना के अनुसार वे आतंकी गतिविधियों में शामिल थे।

हमास ने बताया कि उनमें से दो उसकी क़ासिम ब्रिगेड के सदस्य थे, जबकि तीसरे के बारे में जानकारी नहीं दी गई। इज़राइल का कहना है कि वह वेस्ट बैंक में आतंकवाद पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहा है।

हालाँकि, फ़िलिस्तीनी संगठनों और मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इन अभियानों में निर्दोष नागरिक भी मारे जा रहे हैं और हज़ारों लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं।

ट्रम्प की शांति योजना और मिस्र में समझौता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 29 सितंबर को गाज़ा युद्ध को समाप्त करने के लिए 20 सूत्री शांति योजना प्रस्तुत की थी। इसमें हमास का हथियार छोड़ना प्रमुख शर्त थी। इसके बाद 13 अक्तूबर को मिस्र के शहर शर्म-अल-शेख में उन्होंने गाज़ा शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

इस कार्यक्रम में 20 से अधिक देशों के नेता मौजूद थे, हालांकि इज़राइल और हमास को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया था।

गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले दो वर्षों में चले संघर्ष में अब तक 68,500 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।

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