मातोश्री बैनर, उत्तर भारतीय सेना की धमकी और भाषिक राजनीति | मुंबई में भाषाई राजनीति गर्माएगी…

राज्य में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों की घोषणा होते ही राजनीतिक वातावरण गरम हो गया है। इसी बीच अब मुंबई में एक बार फिर भाषा के मुद्दे पर विवाद भड़क उठा है। शिवसेना (ठाकरे गट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ के बाहर लगाए गए एक बैनर ने नया वाद-विवाद खड़ा कर दिया है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों की घोषणा की। राज्य की 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायती के चुनाव दिसंबर माह की शुरुआत में होंगे। सभी चुनाव एक ही चरण में कराए जाएंगे। इसके लिए 2 दिसंबर को मतदान तथा 3 दिसंबर को मतगणना होगी। इसी कारण राज्य का राजनीतिक माहौल पहले से ही गर्म है। इस बीच, ‘उत्तर भारतीय सेना’ नामक संगठन द्वारा लगाए गए एक अत्यंत विवादास्पद बैनर से मुंबई का वातावरण और अधिक तनावपूर्ण हो गया है।
बैनर पर क्या लिखा है?
मुंबई के शिवसेना भवन, शिवाजी पार्क और मातोश्री जैसे ठाकरे गट के प्रमुख क्षेत्रों में ये बैनर लगाए गए हैं। इन बैनरों पर उत्तर भारतीयों को “सावधान” रहने की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही “उत्तर भारतीय बटोगे तो पिटोगे” जैसी धमकीपूर्ण पंक्तियाँ भी लिखी गई हैं। बैनर पर “महाराष्ट्र से बिहार तक, राजस्थान से यूपी तक” जैसे वाक्य भी दर्ज हैं। नीचे “उत्तर भारतीय सेना” लिखा गया है और संगठन के अध्यक्ष सुनील शुक्ला का फोटो भी छापा गया है।
क्या चुनाव के समय भाषाई राजनीति फिर भड़केगी?
चुनावों की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दल मतदाताओं पर पकड़ मजबूत करने में जुट गए हैं। मुंबई और ठाणे क्षेत्रों में उत्तर भारतीय मतदाताओं का प्रभाव काफी अधिक है। इसलिए इन पोस्टरों का चुनावी समय में सामने आना विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहा है। माना जा रहा है कि इनका उद्देश्य उत्तर भारतीय मतदाताओं को एकजुट रखना है। विशेषकर मुंबई-ठाणे में उनकी संख्या उल्लेखनीय होने से ऐसे नारे चुनावी माहौल में महत्वपूर्ण हो जाते हैं। हालांकि, इन पोस्टरों की भाषा और सामग्री को देखते हुए शहर में तनाव बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सुनील शुक्ला की आक्रामक भूमिका पर चर्चा
‘उत्तर भारतीय सेना’ के अध्यक्ष सुनील शुक्ला पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय समाज के अधिकारों के लिए मुखर भूमिका निभा रहे हैं। विशेषकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बयानों का उन्होंने लगातार विरोध किया है और कई मामलों में न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है। मगर अब ‘मातोश्री’ के सामने विवादास्पद बैनर लगाए जाने से कानून और व्यवस्था की स्थिति पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। इस विवादित पोस्टर के कारण मुंबई पुलिस के सामने बड़ी चुनौती उत्पन्न हो गई है। पहले से ही चुनावी माहौल गर्म है, ऐसे में प्रादेशिक भावनाएँ भड़काने वाले पोस्टरों पर प्रशासन की क्या कार्रवाई होगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।




