कूटनीतिक संबंधों में नई ऊर्जा: भारत-रूस के बीच बढ़ती नजदीकियां

प्रधानमंत्री मोदी से निकोल पेत्रुशेव की अहम बैठक
भारत और रूस के बीच दशकों पुराने द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी सहयोगी निकोल पेत्रुशेव से औपचारिक मुलाकात की। यह मुलाकात न केवल राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि कई अहम क्षेत्रों में साझेदारी को गहराई देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
पुतिन की भारत यात्रा पर फोकस
चर्चा का मुख्य केंद्र बिंदु था रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा। अनुमान है कि राष्ट्रपति पुतिन पांच दिसंबर के आसपास भारत आएंगे, जहां वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस यात्रा से रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, अंतरिक्ष और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नए समझौतों की उम्मीद की जा रही है।
वार्षिक शिखर सम्मेलन से बड़ी उम्मीदें
भारत और रूस के बीच यह वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरे में कई मेगा समझौते हो सकते हैं, विशेषकर रक्षा उत्पादन, तेल-गैस खरीद, विनिर्माण, साइबर सुरक्षा और जहाज निर्माण के क्षेत्र में। दोनों देशों के बीच व्यापार को अगले कुछ वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य भी इस बैठक में चर्चा का विषय रहेगा।
समुद्री क्षेत्र में सहयोग की नई दिशा
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने निकोल पेत्रुशेव के साथ समुद्री सुरक्षा और समुद्री मार्ग कनेक्टिविटी पर विशेष चर्चा की। निकोल, रूस के समुद्री बोर्ड के प्रमुख भी हैं, इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा काफी गहन रही। भारत-रूस समुद्री कॉरिडोर को सक्रिय करने, आर्कटिक क्षेत्र में सहयोग और समुद्री व्यापार मार्गों को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया।
कौशल विकास और जहाज निर्माण पर बातचीत
भारत ने रूस के साथ मिलकर जहाज निर्माण और कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करने की इच्छा जताई। प्रधानमंत्री ने जहाज निर्माण कारखानों और भारत में रक्षा निर्माण इकाइयों को मजबूत करने के लिए रूस के सहयोग पर जोर दिया। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा योगदान साबित हो सकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से हुई चर्चा
इससे पहले सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी निकोल पेत्रुशेव के साथ बैठक की थी। इस बैठक में दोनों देशों के बीच सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक सहयोग, रणनीतिक रक्षा भागीदारी और राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा से जुड़े तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री ने भेजीं शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने निकोल के माध्यम से राष्ट्रपति पुतिन को अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भेजीं और कहा कि वह अगले महीने भारत में उनका स्वागत करने के लिए बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। मोदी ने इसे भारत-रूस मित्रता के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया।
भारत-रूस संबंध: ऐतिहासिक मजबूती
भारत और रूस के संबंध हमेशा से विशेष रहे हैं। चाहे वह सैन्य सहयोग हो, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी हो या ऊर्जा सुरक्षा—दोनों देश कई क्षेत्रों में एक-दूसरे के मजबूत साझेदार रहे हैं। रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता भी है।
भविष्य के लिए नई संभावनाएं
इस मुलाकात से जारी संदेश स्पष्ट है कि आने वाले समय में भारत और रूस सिर्फ मित्र ही नहीं बल्कि रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोगी के रूप में नए आयाम गढ़ेंगे। पुतिन की आगामी भारत यात्रा इस दिशा में एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखी जा रही है।




