वकील की गिरफ्तारी केस में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा से पूछा, सीबीआइ जांच क्यों नहीं होनी चाहिए?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार से पूछा कि हत्या के जिस मामले में गुरुग्राम पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने दिल्ली के एक वकील को गिरफ्तार किया था, उसे सीबीआइ को क्यों न सौंप दिया जाए। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 12 नवंबर को विक्रम ¨सह की तत्काल रिहाई का आदेश दिया था।

HighLights
- गुरुग्राम एसटीएफ ने हत्या मामले में दिल्ली के वकील को किया था गिरफ्तार
- याचिककर्ता ने कहा- उसे पूरी रात खंभे से बांधकर रखा गया, बाल काट दिए
चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 12 नवंबर को विक्रम ¨सह की तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। न्यायालय ने हरियाणा पुलिस से बृहस्पतिवार तक जवाब मांगा है।
विक्रम सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने आरोप लगाया कि वकील को हिरासत में यातना दी गई और उसे उसके मुवक्किलों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा, ”उसे पूरी रात एक खंभे से बांधकर रखा गया। उसे धमकी दी गई कि उसके बाल काट दिए जाएंगे और पुलिस थाने में ही उसके बाल तुरंत काट दिए गए।”
विकास सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि एसटीएफ अधिकारी विक्रम पर गैंगवार विवाद में समझौता करने का दबाव डाल रहे थे क्योंकि वह कुछ आरोपितों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उन्होंने पूछा-”एक वकील कुख्यात गैंगस्टरों के बीच के मामलों में कैसे समझौता करा सकता है?”




