लखनऊ। प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान की अध्यक्षता में लखनऊ के खादी भवन में मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन को लेकर बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में योजना के तहत पावरलूम बुनकरों को सौर ऊर्जा का लाभ प्रदान करने और उनके समक्ष आ रही समस्याओं का समाधान करने के लिए विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में योजना को अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्ताव रखे गए।
मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना का उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना का उद्देश्य पावरलूम बुनकरों को परंपरागत ऊर्जा स्रोत, विशेषकर विद्युत पर निर्भरता को कम करके सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत बुनकरों को सब्सिडी पर सोलर पावर प्लांट प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी लागत में कमी आएगी और वे अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बन सकेंगे। योजना के दिशा-निर्देशों में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, पावरलूम बुनकर अब यूपीनेडा के माध्यम से या यूपीनेडा में पंजीकृत किसी अन्य आपूर्तिकर्ता से सोलर पावर प्लांट स्थापित करवा सकते हैं। शर्त यह है कि बुनकर द्वारा चयनित संस्था की दर यूपीनेडा की तुलना में कम होनी चाहिए।
बैठक में मंत्री राकेश सचान ने बुनकर समुदाय से अपील की कि वे इस योजना का अधिकाधिक लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र से न केवल उनकी उत्पादन लागत कम होगी, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकेंगे। इसके अलावा, बुनकर ओटीएस योजना का लाभ उठाकर अपने बकाया बिजली बिलों का समाधान करें और आर्थिक रूप से सशक्त बनें।
बुनकरों की समस्याओं का समाधान
मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना में संशोधन बुनकरों की समस्याओं के समाधान और उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल बुनकरों को ऊर्जा संकट से राहत देगी, बल्कि उन्हें प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी। प्रस्तावित संशोधनों और पायलट प्रोग्राम के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश के बुनकर समुदाय को नई ऊर्जा और उत्साह प्राप्त होगा। बैठक में प्रमुख सचिव आलोक कुमार, सचिव प्रांजल यादव, विशेष सचिव शेषमणि पांडेय, आयुक्त एवं निदेशक के. विजयेंद्र पांडियन सहित अन्य अधिकारी और बुनकर उपस्थित रहें।