फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद के थानाक्षेत्र कमालगंज के ग्राम शेखपुर रूस्तमपुर में 700 वां ऐतिहासिक मेला धूमधाम से मनाया गया। यह मेला हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बन चुका है। जहां हर साल हजारों लोग एकत्रित होते हैं। हजरत शेख मखदूम बुराक़ के लंगर में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ मिलकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
इस बार भी दूर-दराज से आए लाखों श्रद्धालुओं ने इस उर्स व मेले में अपनी हाजिरी लगाई। सज्जाद नशीन अजीजुल हक ग़ालिब मियां 3 दिन पहले ही भोजपुर स्थित अपनी चिल्लेगाह पहुंच गए थे और आज वह अपने लाउ-लश्कर के साथ, छड़ियों के साथ दरगाह पहुंचे।
दो दिन तक चलने वाला यह मेला कमालगंज की पहचान बन चुका है। खास बात यह है कि यहां के प्रसिद्ध लड्डू देश भर के विभिन्न हिस्सों में प्रसाद के रूप में भेजे जाते हैं। इस मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने पहले से ही कड़ी तैयारी की थी। इस बार झूलों का आयोजन पुलिस प्रशासन द्वारा नहीं किया गया। जबकि राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन ने मिलकर मेले को शांति और सुरक्षा के साथ संपन्न कराया।
मेला स्थल पर मुगल काल के सहमति पत्र और अंग्रेजों के जमाने के पत्र भी प्रदर्शित किए गए। जिसमें पुराने समय में धार्मिक आयोजनों के लिए प्रशासन की अनुमति और सहयोग का उल्लेख था। यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समुदायों के बीच एकता और भाईचारे का प्रतीक भी बन चुका है।