लखनऊ :उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा 13 दिसम्बर से 22 दिसम्बर,2024 तक संचालित आवासीय संस्कृत भाषा प्रशिक्षण शिविर का समापन आज संस्थान के प्रेक्षागृह में किया गया।
इस अवसर पर निदेशक विनय श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि आवासीय संस्कृत भाषा प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य आम जनमानस में संस्कृत भाषा के प्रति रूचि पैदा करना, संस्कृत भाषा को घर-घर की भाषा बनाना, व्यापक रूप से संस्कृत को आम बोल-चाल की भाषा के रूप में प्रचार-प्रसार करना तथा संस्कृत एवं संस्कृति के प्रति नवचेतना का संचार करना है।उन्होंने कहा कि संस्कृत संस्थान द्वारा सरल संस्कृत संभाषण योजना को ऑनलाईन माध्यम से मिस्डकॉल योजना तथा ऑफलाईन माध्यम में गृहे-गृहे संस्कृतम् योजना के नाम से संस्कृत प्रेमियों, संस्कृत के छात्रों हेतु संचालित किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा निःशुल्क सिविल सेवा कोचिंग, प्रदेश के विभिन्न जनपदों में योग व पौरोहित्य प्रशिक्षिण शिविरों का आयोजन तथा संस्कृत प्रेमियों, संस्कृत के छात्रों हेतु अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आवासीय संस्कृत भाषा प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगभग 100 (महिला एवं पुरूष) प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त उपर्युक्त में से सफल प्रतिभागी अपने-अपने जनपद में संभाषण कार्य को आगे बढ़ायेंगे। इसके साथ ही समापन सत्र में प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त महिला एवं पुरूष प्रतिभागियों ने संस्कृत में एक लघु नाटक की प्रस्तुति भी की। सभी प्रतिभागियों को संस्थान द्वारा प्रमाण-पत्र दिया गया। आवासीय संस्कृत भाषा प्रशिक्षण शिविर के समन्वय का कार्य धीरज मैठाणी, अनिल गौतम द्वारा तथा शिक्षण का कार्य योगेश अवस्थी, राजन दुवे, सविता मौर्या एवं पूनम सिंह द्वारा किया गया।