पनामा नहर के बाद अब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नजर ग्रीनलैंड पर टिकी

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेनमार्क से ग्रीनलैंड खरीदने के को लेकर आने पहले के कार्यकाल में असफल हुए थे। वहीं अब मित्र देशों की सूची में डेनमार्क भी शामिल हो गया है। जिनके साथ ट्रंप 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने से पहले ही टकराव का रुख अख्तियार कर रहे हैं। रविवार को डेनमार्क में अपने राजदूत के नाम की घोषणा करते हुए ट्रंप ने लिखा पूरी दुनिया में राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वतंत्रता के उद्देश्य से अमेरिका को लगता है कि ग्रीनलैंड का स्वामित्व और नियंत्रण एक परम आवश्यकता है।
वहीं दूसरी ओर डेनमार्क के शासनाध्यक्ष म्यूटे बोरुप एगेडे ने कहा है कि ग्रीनलैंड पर अमेरिकी नियंत्रण की ट्रंप की नवीनतम अपील उनके पहले कार्यकाल की तरह ही निरर्थक रहेगी। ग्रीनलैंड हमारा है। हम बिक्री के लिए तैयार नहीं हैं और कभी भी बिक्री नहीं करेंगे। हमें स्वतंत्रता के लिए अपनी वर्षों पुरानी लड़ाई नहीं हारनी चाहिए।
ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है जो अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों के बीच स्थित है। इसकी राजधानी न्युक है, जहां से प्रशासन के सारे काम देखे जाते हैं। ग्रीनलैंड स्वायत्त शासन वाला देश है। यहां एक बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा है। और यह 80 प्रतिशत बर्फ की चादर से ढका हुआ है। यह अभी भी डेनमार्क साम्राज्य का हिस्सा है। यानी परोक्ष रूप से यहां यूरोपीय देश डेनमार्क का ही शासन है। ग्रीनलैंड की घरेलू गतिविधियों को वहां की सरकार ही देखती है।
डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से ग्रीनलैंड पर योजना बनाई है। इससे पहले उन्होंने बीते सप्ताह सुझाव दिया था कि यदि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाले पनामा जलमार्ग का उपयोग करने के लिए आवश्यक बढ़ती पोत परिवहन लागत को कम करने के लिए कुछ नहीं किया जाता है, तो उनका देश पनामा नहर पर फिर से नियंत्रण कर सकता है।