लखनऊ में तदर्थ शिक्षकों का धरना जारी: सरकार से वेतन और सेवा सुरक्षा की मांग

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लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति का धरना और याचना कार्यक्रम 18 दिसंबर से अनवरत चल रहा है। समिति के प्रांतीय संयोजक और अध्यक्ष राजमणि सिंह ने बताया कि करीब 36 जनपदों से तदर्थ शिक्षक इस धरने में शामिल हैं, जो अपने वेतन और सेवा सुरक्षा के लिए पिछले तीन वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को अधिकारी गुमराह कर रहे हैं और तदर्थ शिक्षकों की सेवाओं को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रांतीय संयोजक और अध्यक्ष राजमणि सिंह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह सरकार, जो हिंदू समाज के उत्थान का दावा करती है। आज अपने ही ब्राह्मण और क्षत्रिय तदर्थ शिक्षकों को गुमराह करके बाहर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 8300/2016 संजय सिंह मामले में तदर्थ शिक्षकों को वेतन देने का आदेश होने के बावजूद सरकार विशेष अपील करने की तैयारी कर रही है, जो कि अत्यंत निंदनीय है।

राजमणि सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को सरकार न मानते हुए तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान को टाल रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी 2000 के बाद के तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान का आदेश दिया था। लेकिन सरकार ने अभी तक इसका पालन नहीं किया।

माध्यमिक तदर्थ संघर्ष समिति के प्रदेशीय महामंत्री प्रभात कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जब तक उनकी दो सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होतीं। तब तक यह याचना कार्यक्रम जारी रहेगा। इस अवसर पर रमेश सिंह, रणधीर सिंह, राहुल सिंह, राकेश सिंह, और अन्य शिक्षकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

सोमवार को इस धरने में करीब 400 तदर्थ शिक्षक उपस्थित थे। प्रभात त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश सरकार से अपील की कि वे तदर्थ शिक्षकों की मुश्किलों को समझें और मुख्यमंत्री की कृपा से उनका उद्धार करें ताकि वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें और बच्चों की परवरिश कर सकें।

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