महाकुंभ हादसे पर भावुक हुए योगी: न्यायिक जांच के दिए आदेश, 3 सदस्यीय आयोग का किया गठन, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा

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लखनऊ। महाकुंभ हादसे को लेकर बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए भावुक हो गए। घटना का जिक्र करते उन्होंने कहा कि भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने के कारण यह दुखद हादसा हुआ। मुख्यमंत्री ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा।

वहीं पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यही नहीं गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी भी प्रयागराज जाकर घटना की समीक्षा करेंगे। इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे, जबकि पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह को आयोग में शामिल किया गया है।

मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा

सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं। फिर भी यह हादसा कैसे हुआ इसकी गहन जांच होगी। सरकार ने मृतकों के परिवारों को 25-25 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वे हालात का जायजा लेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।

हादसे की तह में जाने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में बुधवार को 8 करोड़ से अधिक लोगों का दबाव था। अगल बगल के जनपदों मिर्जापुर, भदोही, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी, में भी होल्डिंग एरिया बनाकर श्रद्धालुजनों को रोका गया था। जिन्हें अखाड़ों का अमृत स्नान संपन्न होने के बाद रिलीज किया गया है। रेलवे स्टेशनों पर भी लगातार दबाव बना रहा।

रेलवे ने भी इस दौरान रूटीन और मेला स्पेशल को मिलाकर लगभग 300 से अधिक ट्रेनें चलाई हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी 8000 से अधिक बसें संचालित की हैं। ये सभी घटनाएं मर्माहत करने वाली भी हैं और एक सबक भी हैं, लेकिन हादसे की तह में भी जाने की आवश्यकता है।

 

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