प्रदेश में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय उल्लास मेला आयोजित: राज्य मंत्री ने साक्षरता के महत्व पर दिया जोर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने साक्षरता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही किसी भी व्यक्ति को समाज और राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान देने का रास्ता प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि शिक्षा व्यक्ति को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराती है और उसे आत्मनिर्भर बनाती है।

संदीप सिंह ने यह भी कहा कि शिक्षा के बिना व्यक्ति न तो अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकता है और न ही सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकता है। एक साक्षर व्यक्ति को सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करना आसान हो जाता है और वह इन योजनाओं का अधिक प्रभावी लाभ उठा सकता है।

उल्लास मेला में विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन

इस अवसर पर साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा एक राज्य स्तरीय उल्लास मेला का आयोजन किया गया। यह मेला राज्य संसाधन केन्द्र व इण्डिया लिट्रेसी बोर्ड, लखनऊ के परिसर में आयोजित किया गया। इस मेले में उत्तर प्रदेश के सभी मण्डलों के स्टॉल लगाये गए। जिनका अवलोकन मंत्री ने किया। संदीप सिंह ने नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत चल रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली और प्रदेश के 15 वर्ष से ऊपर के असाक्षरों को साक्षर करने के लिए की जा रही कोशिशों का जायजा लिया।

नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की सफलता

इस अवसर पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार का मुख्य उद्देश्य असाक्षरों को साक्षर करना है। इसके लिए विभाग ने एक कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत असाक्षरों को साक्षर करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि साक्षरता के बाद व्यक्ति अपनी सुरक्षा और रोजगार से संबंधित सभी जानकारी रख सकेगा और अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकेगा। वहीं निदेशक साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा ने इस कार्यक्रम की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें बताया गया कि नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सर्वे ऐप की मदद से लगभग 13 लाख असाक्षरों और 1.5 लाख वालंटियरों की पहचान की गई है। अब तक करीब 5 लाख असाक्षरों को साक्षर किया जा चुका है।

साक्षरता के महत्व पर जोर

इस कार्यक्रम में प्रदेश की दो नव साक्षरों सुजाता और भोपाल ने अपने जीवन में आए सकारात्मक बदलावों का अनुभव साझा किया। इन बदलावों के जरिए यह साबित हुआ कि शिक्षा न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार लाती है, बल्कि समाज की प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं इस कार्यक्रम में संध्या तिवारी (निदेशक, इण्डिया लिट्रेसी बोर्ड) भगवती सिंह (निदेशक साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा) गणेश कुमार (निदेशक एससीईआरटी और अध्यक्ष राज्य साक्षरता केन्द्र) प्रताप सिंह बघेल (निदेशक बेसिक शिक्षा) और अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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