‘ध्रुवीकृत’ विश्व में G-20 की एकता बनाए रखने के लिए भारत और चीन का सहयोग अहम: जयशंकर

यह अपने आप में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को प्रमाणित करता है।’’ दक्षिण अफ्रीका 2025 के लिए जी-20 की मेजबानी कर रहा है, और इस बैठक से पूरे वर्ष के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत होगी। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में, जी-20 वैश्विक अर्थव्यवस्था को उसके समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका, अफ्रीकी संघ और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जयशंकर ने कहा कि जी-20 जैसे मंचों ने भारत और चीन को अपने द्विपक्षीय संबंधों में चुनौतीपूर्ण दौर के दौरान भी बातचीत करने के अवसर प्रदान किए हैं।
जी-20 ने दिया भारत-चीन तनाव दूर करने का मौका
जयशंकर ने कहा, ‘‘ऐसी बैठकों ने हमारे बीच बातचीत का अवसर प्रदान किया, उस समय भी जब हमारे संबंध कठिन दौर से गुजर रहे थे।” जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारे एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) और विदेश सचिव चीन का दौरा कर चुके हैं और हमारे संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई है। इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के प्रबंधन के साथ-साथ हमारे संबंधों के अन्य आयाम भी शामिल हैं। मुझे आज विचारों के आदान-प्रदान पर खुशी है।’’ उन्होंने यह जिक्र किया कि भारत और चीन जी-20, एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) और ब्रिक्स के सदस्य हैं। अपने संबोधन में वांग ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बैठक को द्विपक्षीय संबंधों में ‘‘पिछले वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण बात’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह संबंध सुधार की दिशा में और आगे की ओर अग्रसर है।