आगरा। जनपद के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है ।जिसमें एक लिपिक के विरुद्ध रिश्वत के तमाम आरोपों के बाद भी 12 वर्षों से जमे बैठे बाबू पर शासन की कोई भी स्थानांतरण अथवा जांच नहीं होने की बात सामने आई है , स्थानांतरण के नाम पर मंडल कार्यालय और जिला कार्यालय में अपनी पोस्टिंग करवा लेता है।इस बात अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाबू की पकड़ कहां तक और कैसी है।सूत्रों की मानें तो लिपिक राम स्वरूप शर्मा फूड इंस्पेक्टर से भी रिश्वत लेने से नहीं डरता इसी बात से ये अंदाज लगाया जा सकता है कि उसका रसूख जिले में क्या होगा और व्यापारियों के साथ वो किस सरकारी नीति का प्रयोग करता होगा।
इसका प्रभाव तब ज्यादा बढ़ गया जब पूर्व में अमित जी इसके अधिकारी थे,दोनों ने मिल कर जनपद में कोहराम मचा रखा था। हाल फिलहाल उनके स्थानांतरण के बाद DO शशांक त्रिपाठी ने चार्ज लिया तो इसके कारनामों की जानकारी उन्हें मिली।
उन्होंने सख्ती दिखाई लेकिन उसके रवैए में को खास बदलाव नहीं हुआ।मीडिया ग्रुप को उसके रिश्वत लेने की वीडियो फुटेज प्राप्त हुई हैं जिसमें वो काम के बदले रिश्वत लेते साफ दिख रहा है।ऐसे में मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त शासन की कलई इसी तरह के सरकारी मुलाजिम खोल रहे हैं।