आज है गोवर्धन पूजा, आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि…!

आज है गोवर्धन पूजा, आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि…!

गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर इस साल खासा कंफ्यूजन की स्थिति बन रही है। ऐसे में यहां जानिए 1 या 2 नवंबर किस दिन की जाएगी गोवर्धन पूजा।

आज है गोवर्धन पूजा यहां जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर इस साल 2 नवंबर किस दिन की जाएगी। गोवर्धन पूजा इस साल 2 नवंबर के दिन पर गोवर्धन पूजा होने जा रही है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगा और इस तिथि का समापन 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, शनिवार के दिन की जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

शाम के समय 3 बजकर 23 मिनट से 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करना अत्यधिक लाभकारी होता है।

गोवर्धन पूजा कैसे करते हैं :-
गोवर्धन पूजा करने के लिए शाम के समय घर के आंगन में या दरवाजे के बाहर वाले हिस्से में गोबर से लीपकर गोवर्धन भगवान की प्रतिमा बनाई जाती है। साथ ही, गाय और बैल आदि बनाते हैं। अब रोली, खीर, बताश, चावल, जल, पान, केसर, दूध, फूल और दीपक पूजा सामग्री में शामिल करके गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है। पूजा में गोवर्धन भगवान की परिक्रमा करते हैं, आरती की जाती है और भोग लगाकर प्रसाद सभी में वितरित किया जाता है। जिन लोगों के पास पशु धन के रूप में गौमाता है, उन्हें गौ पूजन करना चाहये। स्थानीय मान्यताओं के आधार पर गोवर्धन पूजन के दिन गाय, बैल आदि को स्नान आदि कराकर उनका गैठा अर्थात्‌ जिन धागा से पशु बंधा होता है, उन्हें बदली जाती है, इसके पाश्चात्य गौ चुमौनी होती है। घर की महिलाएं गौमाता को चुमाकर गौमाता की परिक्रमा कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं, आइए जानते हैं सामाग्री जिन सामाग्री से गौमाता का पूजन होता है…!

सामाग्री :- सरसों तेल, दूर्वा, धान, वस्त्र, सिक्का, जल, सिंदूर, धूप – दीप

सर्वप्रथम सरसों तेल शीश व खुरों और पैरों मैं लगाकर सभी सामाग्री से चुमाया जाता है सिंदूर का टीका कर धान को खिलाया जाता है तत्पश्चात वस्त्र भेंट करके धूप – दीप दिखाकर गौमाता का आशीर्वाद लिया जाता है। इसके बाद गौ परिक्रमा की जाती है।

किन चीजों का लगता है भोग:-
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। इस दिन खाद्य सामग्रियों से पर्वत बनाकर भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष अर्पित किया जाता है। इसे अन्न का पर्वत भी कहते हैं। इस भोग (Bhog) में चावल, खीर, पूड़ी, सब्जियां, कढ़ी और तरह-तरह के व्यंजन शामिल किए जाते हैं और भोग लगाने के बाद प्रसाद के तौर पर सभी में इन चीजों को बांटा जाता है। इस तरह गोवर्धन पूजा संपन्न होती है।

संकलनकर्ता :- रुद्र

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