5 अगस्त 2024 : सावन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर होगा। आज के दिन सूर्यास्त शाम को 7 बजकर 11 मिनट पर होगा। ऐसे में आइए जानें पूरा पंचांग।
सावन महीने की प्रतिपदा तिथि को सावन के तीसरे सोमवार का व्रत रखा जाएगा। इस दिन शाम के 6 बजे तक प्रतिपदा तिथि रहेगी। उसके बाद द्वितीया तिथि की शुरुआत हो जाएगा। आज के दिन दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक आश्लेषा नक्षत्र रहेगा। उसके बाद मघा नक्षत्र की शुरुआत हो जाएगी। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल का समय प्रातःकाल 07:30 बजे से 09 बजे तक रहेगा। आइए जानें आज का पूरा पंचांग।
आज का पंचांग 5 अगस्त 2024: सावन के तीसरे सोमवार के दिन क्या होगा पूजा का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय, यहां जानें पूरा पंचांग।
(आज का पंचांग 5 अगस्त 2024)
संवत-पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-श्रावण, कृष्ण पक्ष
तिथि — प्रतिपदा 06:05 Pm तक फिर द्वितीया
व्रत – श्रावण सोमवार व्रत
दिवस – सोमवार
सूर्योदय – 05:43Am
सूर्यास्त – 07:11Pm
नक्षत्र – आश्लेषा 03:23 Pm तक फिर मघा
चन्द्र राशि – कर्क, स्वामीग्रह – चन्द्रमा 03:23Pm तक फिर सिंह, स्वामीग्रह — सूर्य
सूर्य राशि – कर्क, स्वामी – चन्द्रमा
करण – बव 06:02 PM तक फिर बव
योग : व्यतिपात 10:33 Am तक फिर वरियान
शुभ मुहूर्त
1 अभिजीत – 11:57Am से 12:45 Pm
- विजय मुहूर्त – 02:25 Pm से 03:27 Pm तक
- गोधुली मुहूर्त — 06:33 Pm से 07:24 Pm तक
- ब्रम्ह मुहूर्त – 4:08 Am से 05:09 Am तक
- अमृत काल – 06:08 Am से 07:53 Am तक
- निशीथ काल मुहूर्त – रात्रि 11:53 से 12:43 तक रात
संध्या पूजन – 06:22 Pm से 07:21P. तक
दिशा शूल – पूर्वदिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त
राहुकाल – प्रातःकाल 07:30 बजे से 09 बजे तक
क्या करें – श्रावण सोमवार का व्रत करें। आज शिव लिंग का रुद्राभिषेक करें। घर मे नर्मदेश्वर या पारद शिवलिंग रखें व उनकी उपासना करें। श्रावण माह में भगवान शिव व माता दुर्गा जी को प्रसन्न करना सहज भक्ति भाव से ही आसान हो जाएगा आज बहुत पवित्र तिथि है। श्रावण बहुत पावन माह है। दिन भर व्रत रहें। भगवान शिव जी की उपासना करें।शिवलिंग की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ भी करें।अन्न व फलों का दान करे। शिव मंदिर परिसर में पाकड़, बरगद, पीपल व बेल का पेड़ लगाएं।
आज गंगा जल से रुद्राभिषेक करने से सभी कष्ट समाप्त होते हैं। घी से रुद्राभिषेक करने से धन, सम्पदा व ऐश्वर्य का सुआगमन होता है। श्रावण माह में तीर्थ करें। शिव पुराण का पाठ पूर्ण कर तत्पश्चात हवन करें चन्द्रमा के द्रव्य चावल व शक्कर के दान का बहुत महत्व है।
क्या न करें – अहंकार का तनिक भाव भी पुण्य का ह्रास करता है।