लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि प्रदेश की जनता योगी सरकार के कुशासन से त्राहि त्राहि कर रही है। जनता से जुड़े हर मुद्दे पर पूरी तरह से विफल हो चुकी येागी सरकार कांग्रेस के विधान सभा घेराव के कार्यक्रम से डर गई है।
बीजेपी पर जमकर बरसे अजय राय
अजय राय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है कि जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करे कि कुछ भी करना पड़े पर कोई कांग्रेस का कार्यकर्ता घर से निकल कर लखनऊ नहीं पहुंच पाए। जिन जिलों से कांग्रेसी कार्यकर्ता लखनऊ पहुंचेंगे वहां के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी। इस निर्देश के कारण जिलों में पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं को धमकी देना और आतंकित करना शुरू कर दिया है।
योगी को दिलाई पुराने दिनों की याद
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि योगी वो दिन भूल गए जब इसी पुलिस के भय के कारण वह संसद में फूट-फूट कर से रोए थे और तब सभी ने उनका साथ दिया था। आज मुख्यमंत्री के पद पर बैठ कर वो उसी पुलिस के बल पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को आतंकित कर रहे है, हजारों मुकदमे लगा रहे है तथा लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलते हुए धारना प्रदर्शन, आंदोलन और घेराव रोक रहे है।
लोकतंत्र की हत्या का कोई प्रयास कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी: राय
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि मेरी चेतावनी है कि मेरे किसी कार्यकर्ता को न रोका जाए। हम गांधीवादी दल है और आंदोलन की मर्यादा जानते है। भारत में अभी पूरी तरह फासीवाद नहीं आया है बल्कि लोकतंत्र है इसलिए लोकतंत्र की हत्या का कोई प्रयास कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। अजय राय ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि कुछ भी करो पर लखनऊ पहुंचो। विधानसभा घेर कर सरकार को आईना दिखाना है कि उसका जंगल राज अब बर्दाश्त नहीं है।
अजय राय ने कहा कि यदि कही ऐसी स्थिति आ जाए कि पुलिस बल ताकत का इस्तेमाल कर आप को लखनऊ ना आने दे तो वहीं धरना देकर बैठ जाओ और पुलिस से कहिए कि या तो हमे जाने दे या फिर जेल भेजे।
शांति से आंदोलन करना राजनीति दल का अधिकार है: कांग्रेस
अजय राय ने पुलिस अधिकारियों को भी चेतावनी दिया है कि वो अपनी मर्यादा में रहे और सरकार के दबाव में लोकतंत्र की हत्या न करे। शांति से आंदोलन करना राजनीति दल का अधिकार है और ये सत्ता तथा कांग्रेस की लड़ाई है। इसको कांग्रेस और पुलिस की लड़ाई न बनाए वरना याद रखे कि 2027 में हम सत्ता में आ रहे है और कार्यकर्ताओं पर जुल्म करने वाले एक एक अधिकारी का नाम नोट कर के रखेंगे और तब हिसाब करेंगे।