चित्रकथी आर्ट स्कूल में 2 दिवसीय कार्यशाला: प्रतिभागियों ने सीखें मिट्टी के बर्तन बनाने की बुनियादी तकनीकें

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लखनऊ। राजधानी के चित्रकथी आर्ट स्कूल में आयोजित दो दिवसीय मिट्टी के बर्तन बनाने की कार्यशाला का पहला दिन शानदार रहा। बता दें कि इस कार्यशाला में शहर के विभिन्न हिस्सों से आए कला प्रेमी और छात्र भाग ले रहे हैं। इस दौरान प्रतिभागियों को मिट्टी के बर्तन बनाने की मूल बातें सिखाई गईं, जिनमें हाथ से बनाने और पहिया पर बनाने की तकनीकें शामिल थीं।

चित्रकथी आर्ट स्कूल के निदेशक ने प्रतिभागियों को दिया मार्गदर्शन

इस विशेष मौके पर चित्रकथी आर्ट स्कूल के निदेशक अशुतोष वर्धन ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य कला प्रेमियों को मिट्टी के बर्तन बनाने की कला से परिचित कराना और उनकी रचनात्मकता को विकसित करने का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम से प्रतिभागियों को कला के प्रति और अधिक रुचि और प्रेम बढ़ेगा।

इस कार्यशाला में विशेषज्ञ प्रशिक्षक अन्जू पालीवाल ने प्रतिभागियों को अपने अनुभव साझा करते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने बर्तन बनाने की प्रक्रिया को सरल और आकर्षक तरीके से समझाया जिससे प्रतिभागियों को आत्मविश्वास मिला।

कार्यशाला के दूसरे दिन का कार्यक्रम

कार्यशाला का दूसरा दिन जिसमें प्रतिभागी अपने बनाए हुए बर्तनों को सजाने और उन्हें पूरा करने का काम करेंगे। यह कार्यशाला कला प्रेमियों, छात्रों और पेशेवरों के लिए आयोजित की गई है, जो मिट्टी के बर्तन बनाने की दुनिया का अन्वेषण करना चाहते हैं।

चित्रकथी आर्ट स्कूल के समर्पण को सराहा गया

चित्रकथी आर्ट स्कूल, कला शिक्षा और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक प्रमुख संस्थान है। निदेशक अशुतोष वर्धन ने कहा कि हम मानते हैं कि कला की शक्ति है जो हमारे जीवन को बदल सकती है और समृद्ध कर सकती है। हम कला प्रेमियों के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

कार्यशाला में प्रतिभागियों की उत्साही भागीदारी

इस विशेष अवसर पर मोनिका, मनिता, गरिमा, सुहानी, रवि, मनोज, साक्षी, दिव्यांशी, प्रीति, काशवी, कायरा, अश्विका, पलक जैसे अनेक प्रतिभागी इस कार्यशाला का हिस्सा बने। कार्यशाला में दीपक, शुभम और शुभी भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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