लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में योग विभाग और योग वेलनेस सेन्टर के साथ प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान ध्यान और योग निद्रा के अभ्यास के साथ-साथ ध्यान से जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों से सभी योग साधकों को अवगत भी कराया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दुनिया भर में ध्यान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है और वर्ष 2024 में यह प्रथम दिवस मनाया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान मुख्य तौर पर योग विभाग के डॉ० दीपेश्वर सिंह, डॉ० नरेंद्र सिंह एवं योग वेलनेस सेंटर के योग प्रशिक्षक डॉ० सागर सैनी मौजूद रहे।
इस दौरान डॉ दीपेश्वर सिंह ने सभी योग साधकों को विश्व ध्यान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जब हम ध्यान करते है तो हमारे अंदर एक सकारात्मक उर्जा जाग्रत होती है जो पूरे दिन हमें उर्जावान बनाये रखती है।आज के समय में स्वस्थ बने रहने के लिए हम सभी को योगाभ्यास एवं ध्यान अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
डॉ नरेंद्र सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि ध्यान एक अभ्यास है, जिसमें मानसिक और शारीरिक तकनीकों के संयोजन का उपयोग करके अपने मन को केंद्रित या साफ़ किया जाता है। साथ ही रोजाना मेडिटेशन करने से तनाव पर भी काबू पाया जा सकता है।
डॉ सागर सैनी ने बताया कि ध्यान केवल विश्राम करने की एक तकनीक ही नहीं बल्कि वर्तमान क्षण में जीने की कला है। ध्यान लोगों को शांत होकर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाता है और लोगों की आंतरिक क्षमता को बढ़ाता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी एवं अन्य योग साधक उपस्थित रहें।