एस टी एफ लखनऊ टीम को मिली बड़ी सफलता…….

फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरफ्तार………..

उत्तर प्रदेश | एसटीएफ लखनऊ की साइबर टीम ने फर्जी सीबीआई ,नारकोटिक्स एवं क्राइम ब्रांच अधिकारी बन कर अडतालिस लाख ठगने वाले पांच ठगो को गिरफ्तार कर बडी सफलता पायी है। दिनांक 14 नवंबर को दिन मे लगभग 2 बजे गुरूग्राम हरियाणा के होटल द शान से पंकज सरेला पुत्र कैलाशचंद्र ,सागर सिंह पुत्र विपिन कुमार, सनी सिंह पुत्र किशन वर्मा , माहौर पुत्र राजकुमार एवं अभय कुमार पुत्र बबलू सिंह को गिरफ्तार किया ।इनके पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड ,आधार कार्ड. वोटर कार्ड, रेलवे मेडिकल कार्ड एवं 133 पेज व्हाट्स-एप स्क्रीन शाट जिसमे ठगी मे प्रयोग किए गए बैंक खाते की जानकारी है बरामद हुई ।अभियुक्तों ने लखनऊ निवासी डाक्टर अशोक सोलंकी से 48 लाख रूपये ठग लिए थे।

गिरफ्तार अभियुक्त पंकज नें पूछताछ में बताया कि मैं मार्च 2024 में कम्बोडिया गया था ,मुझे वहां पर सुरेश सेन ने 03लाख रूप लेकर भेजा था।मेरे साथ पंकज यादव व बस्तीराम यादव निवासी रामनगर थाना बांनसुर ,अलवर (राजस्थान) भी गये थे।एयरपोर्ट से हमें एक पाकिस्तानी नागरिक लगभग 500 किमी दूर कम्पनी केआफिस लेकर गया।उस कम्पनी के मालिक चाइना के 5-6 लोग थे।उस कम्पनी में भारत ,पाकिस्तान व नेपाल के लोग काम करते हैं।वहां पर हम लोगो को ट्रेनिंग दी गयी कि आपको भारतीय लोगो को काल कर बताना है कि मैं कस्टम ,नारकोटिक्स डिपार्टमेन्ट से बात कर रहा हूं, आपके नाम से एक पार्सल मलेशिया ,श्रीलंका,चाइना भेजा जा रहा हैं इसमेंआपका नाम हैं वेरीफाई कर रहा हूँ| इसमें बहुत अवैध ड्रग्स, फर्जी, पासपोर्ट व अन्य सामान हैं।आपकी जांच सीबीआई., नारकोटिक्स क्राइम ब्रांच को ट्रान्सफर कर दी गयी हैं।अब आपकी जांच वहां से हो रही है।फिर हम लोग सीबीआई क्राइम ब्रांच ,ईडी अधिकारी बनकर लोगो को बताते थे किआपकी जांच हम कर रहे हैं जबतकआपकीजांच समाप्त नहीं हो जाती हैआपको डिजिटली अरेस्ट कर रहे हैं।अबआपआनलाइन हमारे सम्पर्क में रहेंगे।इसके बाद उन लोगों को डरा धमका कर केस समाप्त करने के नाम पर मोटी रकम भारतीय बैंक खातों में वसूलते थे।भारत में इन खातों को आपरेट करने के लिए इन कम्पनियों से जुडे हुए लोग रहते है।उनका एक आदमी कम्बोडिया में सिक्योरिटी के तौर पर इस कम्पनी में रहता है।

बैंक खातें में आये रूपये मे से बैंक खाता धारक व एकाउन्ट आपरेटरों को 30प्रतिशत कमीशन देते थे ,शेष 70 प्रतिशत कम्पनी के वालेट में क्रिप्टो के माध्यम से भेजा जाता है।सुरेशसेन ने कालिंग के काम के लिए इंडिया से लगभग 100 लोंगों को कम्बोडिया भेज रखा है।कुछ दिन काम करने के बाद मैं व बस्तीराम यादव इंडिया वापसआ गये और इंडिया में मै बैंक खातों कोआपरेट करने का काम करने लगा।

इसी बीच मेरी मुलाकात इस काम को लेकर राजकुमार सिंह ,सागर सिंह,संदीप,सनी वर्मा आदि से हुई।सागर सिंहकार्पोरेट बैंक खाते जिनकी लिमिट एक करोड से अधिक हो की किट चेकबुक, एएटीएम कार्ड , इंटरनेट बैंकिग का यूजर आईडी पासवर्ड ,एमक्यूआर ,बैंकखाते से लिंक सिम व ई -मेलआईडी, आधारकार्ड व पैनकार्ड (खाताधारक) एकत्र कर मुझे देता है।मैं बैंक खाते से लिंक सिम वाली डिवाइस में एपीके फाइल के माध्यम से एकसाफ्टवेयर डाउनलोड कर देता हूँ साथ ही बैंकखाता धारक को कब्जे में ले लेता हूॅ। फिर अपने पार्टनर राजकुमार , गैंग के सदस्यों से सम्पर्क कर उस बैंक खातें में बेनीफिसयरी एड कराकर बैंकखाते को ट्रांजेक्शन के लिए रेडी करा लेता हूॅं।एक खातें में फ्राड करने के लिए चार से पांच लेयर तैयार की जाती है जिसमें कम से कम 30- 40बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है।

साइबर ठगी के लिए मेरे एवं गैंग द्वारा अब तक लगभग 500 बैंक खातों का प्रयोग किया जा चुका है।नागेन्द्र कुमार पाठक के बैंक खाते के माध्यम से डा0 अशोक सोलंकी से की गयी ठगी के बारे में पूछने पर बताया कि अगस्त2024 में सागर सिंह ने एक आईसीआईसीआई बैंक का कार्पोरेट एकाउन्ट भेजा था तो मैने सागर से किट के साथ एकाउन्ट होल्डर को नोएडा के सेक्टर -52 बुलवाया था |वहां पर मैने मेरे पार्टनर राजकुमार सिंह के माध्यम से एक होटल बुक कर रखा था, वही पर एकाउंट होल्डर व मेरे गैंग के लोग रूके थे।उस से किट लेकर मैने एपीके फाइल के माध्यम से साफ्टवेयर उसके मोबाइल में डाउनलोड कर दिया व ट्रान्जेक्शन का काम शुरू कर दिया था।

दि020/08/2024से22/08/2024तक डा0अशोक कुमार सोलंकी को डिजिटली अरेस्ट कराकर 48 लाख रूपये की साइबर ठगी की गयी।उस एकाउन्ट में लगभग 08 करोड़ रूपये की ठगी 10 दिनों में की गयी जो भी रूपया बैकखातों मेंआया उसका 30 प्रतिषत कमीशन हम लोगों ने आपस में बाटकर शेष 70 प्रतिषत क्रिप्टो के माध्यम से कम्पनी के वालेट में भिजवा दिया।दीपावली के तीसरे दिन भी मैने सागर द्वारा दिये गये केनरा बैंक खाते में लगभग 2-5 करोड की साइबर ठगी का काम अपने साथियों के साथ मिलकर किया हैं।इसके अतिरिक्त हम लोग फर्जी गेमिंग व स्टाक कम्पनियों में भी ठगी के लिए ऐसे ही एकाउंट लगाते हैं।

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