लखनऊ। बिजली के निजीकरण के विरोध में गोरखपुर में हुई बिजली पंचायत में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कर्मियों को मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है और बिजली कर्मचारी लगातार सुधार में लगे हुए हैं किन्तु पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन निजीकरण की एकतरफा कार्यवाही कर अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना रहा है।
इस दौरान गोरखपुर की बिजली पंचायत में सिद्धार्थ नगर, सन्त कबीर नगर, बस्ती, महाराजगंज, देवरिया,कुशीनगर और गोरखपुर के बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं की भारी भीड़ उमड़ी। गोरखपुर की बिजली पंचायत में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि बिजली कर्मचारियों का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है और बिजली कर्मी उनके नेतृत्व में लगातार सुधार में लगे हैं।
संघर्ष समिति ने कहा कि सरकारी विद्युत वितरण निगम घाटा उठाकर लागत से कम मूल्य पर घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली देते हैं। निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती हैं। निजीकरण के बाद बिजली की दरों में काफी वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि मुम्बई में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17.71 रुपए प्रति यूनिट है जबकि उप्र में सरकारी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम दरें रु 06.50 प्रति यूनिट है। स्पष्ट है कि निजीकरण होते ही एक झटके में बिजली की दरें तीन गुना बढ़ जाएंगी।
पॉवर कारपोरेशन द्वारा तैयार किए गए निजीकरण के मसौदे में पूरे वितरण निगम की समस्त भूमि मात्र 01 रुपए प्रति वर्ष की लीज पर निजी कंपनी को देने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार लाखों करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को बिना मूल्यांकन किए कौड़ियों के दाम निजी घरानों को सौंपने की साजिश है। उन्होंने कहा कि मात्र एक रुपए में पूरी जमीन दे देना और बिना मूल्यांकन के कौड़ियों के दाम परिसंपत्तियों को बेचने की कोशिश एक साजिश है। बिजली कर्मचारियों को विश्वास है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। 29 दिसंबर को झांसी और 5 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित की जायेगी।
संघर्ष समिति, श्रम संघों और उपभोक्ताओं के पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, महेन्द्र राय, पीकेदीक्षित, सुहैल आबिद, चंद्र भूषण उपाध्याय, श्रीचन्द, छोटेलाल दीक्षित, सरजू त्रिवेदी, इस्माइल खान, नकुल चौधरी, संदीप कुमार श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार यादव, चन्द्रभान यादव, दिनेश कुमार, अश्वनी पाण्डेय, अर्जुन गुप्ता, बब्बू खान, रूपेश श्रीवास्तव एवं बृजेश त्रिपाठी आदि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि निजीकरण के विरोध में 1 जनवरी को बिजली कर्मी पूरे दिन काली पट्टी बंधेंगे और 1 जनवरी को काला दिवस मनाया जाएगा।