Income Tax Budget 2025: अब 12 लाख तक की आय पर टैक्स शून्य, क्या-क्या सस्ता क्या महंगा, जानें
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2025 में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। यह छूट नई इनकम टैक्स रिजीम के तहत दी गई है और इसे मिडिल क्लास के लिए बजट का सबसे बड़ा तोहफा माना जा रहा है।
नई इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
0 से 4 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स शून्य
4 से 8 लाख रुपये तक पर 5% टैक्स
8 से 12 लाख रुपये तक पर 10% टैक्स
12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स शून्य, स्पेशल रिबेट के बाद
मीडिल क्लास को मिलेगा वित्तीय राहत
नई टैक्स प्रणाली के तहत जिनकी मासिक सैलरी 1 लाख रुपये तक है, उन्हें टैक्स में छूट मिलेगी। इससे मिडिल क्लास पर वित्तीय बोझ कम होगा और खपत को बढ़ावा मिलेगा। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की, जिसके तहत कृषि उत्पादकता कम वाले 100 जिलों में यह योजना लागू की जाएगी। इसके अलावा, बिहार में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड बनाने का भी ऐलान किया गया।
एमएसएमई सेक्टर को मिलेगी नई ताकत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एमएसएमई (लघु और सूक्ष्म उद्योग) को भारत के विकास का दूसरा इंजन बताते हुए इस क्षेत्र के लिए नए सुधारों का ऐलान किया। एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी। जिससे यह क्षेत्र युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा स्रोत बनेगा।
फुटवियर और लेदर उद्योग के लिए नए अवसर
सरकार ने फुटवियर और लेदर सेक्टर के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम की घोषणा की, जिससे 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है और इस क्षेत्र का टर्नओवर 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
कृषि, उद्योग और विकास की दिशा में कई अन्य अहम फैसले
सरकार ने किसानों, उद्योगों और युवाओं के लिए कई योजनाएं घोषित कीं। इनमें से प्रमुख हैं—कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पांच साल की योजना और यूरिया कारखाने की स्थापना।
PM मोदी का 2047 तक विकसित भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट सत्र के दौरान 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया। इस बजट को विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जिसमें सामाजिक प्रगति, आर्थिक विकास और सुशासन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। तो वहीं केंद्रीय बजट 2025-26 ने न केवल मिडिल क्लास को राहत दी, बल्कि किसानों, एमएसएमई, और अन्य सेक्टरों के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जो देश के समग्र विकास में योगदान करेंगी।
एक नजर में आपको बताते हैं कि क्या सस्ता क्या मंहगा
पहले हम सस्ते की बात करें तो…..
सरकार ने लिथियम आयन बैटरी बनाने वाली कंपनियों के लिए इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी शून्य करने की घोषणा की है। इससे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम कम होने की उम्मीद है।
कई मेडिकल उपकरणों, जीवन रक्षक दवाओं और कैंसर से जुड़ी दवाओं को शून्य बेसिक कस्टम ड्यूटी की सूची में जोड़ा गया है। इससे इनके भी दाम कम होंगे। इसके अलावा, एलसीडी/एलईडी टीवी सेट के लिए ओपन सेल्स विनिर्माण के लिए पूंजीगत वस्तुओं के आयात पर शुल्क 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने से टेलीविजन सेट सस्ते होने की उम्मीद है।
आयातित मोटरसाइकिलों की विभिन्न श्रेणियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में पांच से 20 प्रतिशत तक की कटौती की गई है।
घरेलू कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए छोटे और मध्यम लूम्स के आयात शुल्क को 7.5 को घटाकर शून्य कर दिया गया है। इससे इस क्षेत्र में एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा और कपड़ों के दाम कम होने की उम्मीद है। वेट ब्लू लेदर और क्रस्ट लेदर पर इम्पोर्ट शुल्क को शून्य कर देने से इनके उत्पाद भी सस्ते होने की उम्मीद है।
क्या-क्या हुआ महंगा
वहीं बनाए गए तैयार कपड़ों की विभिन्न श्रेणियों के आयात पर शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत या 115 रुपये प्रति किलोग्राम (जो भी ज्यादा हो) कर दिया गया है। इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है। इससे इनके दाम भी बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने बजट की तारीफ करते हुए कहा- ‘गिग वर्कर्स’ के लिए कल्याणकारी उपाय श्रम की गरिमा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। कर राहत से मध्यम वर्ग और वेतनभोगी कर्मचारियों को लाभ होगा। किसानों के लिए घोषणाएं कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति लाएंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने विनिर्माण क्षेत्र के लिए बजट में किये गए उपायों पर कहा कि इसका मकसद भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर चमकने देना है।
अमित शाह ने एक्स पर लिखा- एमएसएमई क्षेत्र को क्रेडिट गारंटी कवर को दोगुना करने और ₹1.5 लाख करोड़ जोड़ने के लिए बधाई। इससे स्टार्ट-अप को बढ़ावा मिलेगा और विनिर्माण केंद्रों को बढ़ावा मिलेगा। फुटवियर, चमड़ा और खिलौना विनिर्माण उद्योगों पर बजट का ध्यान जमीनी स्तर पर नौकरियों को बढ़ावा देगा, जिससे पीएम मोदी जी के विकसित भारत के सपने को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा- मैं पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि यह बजट एक विकसित देश के निर्माण के विचार को मजबूत करता है जिसके साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। इस बजट में अमीर और गरीब के साथ-साथ गांवों और शहरों के बीच की खाई को पाटने के प्रावधान हैं। युवाओं, महिलाओं और मध्यम वर्ग का हाथ थामने का काम किया जा रहा है और इसका उल्लेख भी किया गया है। मुझे लगता है कि यह एक ऐसा बजट है जो हर क्षेत्र को छूता है।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रमीमो मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा- देश में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की जबरदस्त मार के साथ ही सड़क, पानी, शिक्षा, सुख-शान्ति आदि जरूरी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण लगभग 140 करोड़ की जनसंख्या वाले भारत में लोगों का जीवन काफी त्रस्त है, जिसका केंद्रीय बजट के माध्यम से भी निवारण होना जरूरी। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘किन्तु वर्तमान भाजपा सरकार का बजट भी कांग्रेस की ही तरह, राजनीतिक स्वार्थ का अधिक, जन एवं देशहित का कम लगता है। अगर ऐसा नहीं है तो इस सरकार में भी लोगों का जीवन लगातार तंग, बदहाल व दुखी क्यों? ‘विकसित भारत’ का सपना बहुजनों के हित का भी होना जरूरी।’
केंद्र सरकार के आम बजट को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए मीडिया से बातचीत में कहा, महाकुंभ भगदड़ में जान गंवाने वालों की संख्या बजटीय आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अखिलेश यादव ने महाकुंभ को लेकर सरकार के रवैये की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई भगदड़ में मरने वालों की जो संख्या बताई गई है वह सही नहीं है। महाकुंभ 12 साल बाद आता है। हमारे लिए महाकुंभ में भगदड़ में मरने वालों का आंकड़ा बजट आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। सरकार यह नहीं बता पा रही है कि कितने लोग मारे गए, लापता हुए हैं या घायल हुए हैं।