लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि संकट के समय ही व्यक्ति और संस्थान की असली पहचान होती है। सीएम ने कहा कि जब कोई चुनौती आती है तो कुछ लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। जबकि कुछ ऐसे होते हैं जो इन चुनौतियों का सामना करते हैं और निखर जाते हैं। हमें बिखरने नहीं बल्कि केजीएमयू के गौरव को और बढ़ाना है। उन्होंने यह कहा कि संस्थान को नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ना चाहिए। ताकि मरीजों को निराश नहीं होना पड़े। वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री ने 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया
केजीएमयू की शानदार यात्रा
सीएम योगी ने संस्थान की यात्रा पर बात करते हुए कहा, “वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज की स्थापना की बात आई, तब रियासतों ने सहयोग किया और 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से यह मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ। आज यह संस्थान देश के सबसे बड़े और अग्रणी चिकित्सा संस्थानों में से एक है। उन्होंने यह भी बताया कि केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में बढ़ने जा रहा है और यह सफर आगे भी जारी रहेगा।
संस्थान को अगले 100 वर्षों के लिए लक्ष्य तय करना होगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। अब हमें अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए। संस्थान को अगले 100 वर्षों के लिए लक्ष्य तय कर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कोरोना काल में केजीएमयू द्वारा की गई तत्परता और सेवा की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप पूरी तत्परता से काम किया, परिणाम हमारे सामने हैं। इसके अलावा सरकार ने संस्थान को 300 करोड़ रुपये की धनराशि आधुनिक मशीनों और लैब के लिए स्वीकृत की है, साथ ही 377 करोड़ रुपये की राशि सर्जरी डिपार्टमेंट के नए भवन के लिए दी है।
स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार की दिशा में सीएम की पहल
सीएम ने डॉक्टर्स और स्टाफ से अपील की कि वे मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू और टेलीमेडिसिन जैसी सुविधाओं की शुरुआत करें। उन्होंने कहा अब मरीजों की भीड़ बढ़ रही है और मानसिक रोग एक नई बीमारी बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिए।” साथ ही कार्डियक सर्जरी और अंग दान को लेकर जागरुकता फैलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टरों की सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। अगर डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम भी बेहतर होगा।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी रहे मौजूद
इस अवसर पर केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया। समारोह में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।