कमिश्नर डॉ रोशन जैकब ने प्रमुख चौराहों पर डेकोरेटिव लाइटिंग और सजावट की समीक्षा: अफसरों को दिए निर्देश
लखनऊ। महाकुंभ-2025 के आयोजन की तैयारियों के संबंध में लखनऊ मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने जनपद भ्रमण के दौरान लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में आयोजित एक बैठक में विभागवार समीक्षा की। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक प्रशांत कुमार, जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा, और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में मुख्य रूप से लखनऊ से रायबरेली होते हुए प्रयागराज जाने वाले मार्गों और प्रमुख चौराहों पर डेकोरेटिव लाइटिंग व सजावट की विस्तृत योजना पर चर्चा की गई। मण्डलायुक्त ने कहा कि महाकुंभ 2025 न केवल प्रयागराज, बल्कि लखनऊ मण्डल के लिए भी गर्व का अवसर है। इस आयोजन के दौरान शहर को आकर्षक और सुंदर बनाने का उद्देश्य है, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान एक सुखद अनुभव हो।
मण्डलायुक्त ने निर्देश दिए कि प्रयागराज जाने वाले मार्गों को चौड़ा किया जाए, फुटपाथों की मरम्मत की जाए और साइनेज बोर्ड लगाए जाएं। उन्होंने प्रमुख चौराहों को नो एक्टिविटी जोन घोषित करने और वाहनों के लिए वेडिंग जोन चिन्हित करने की बात भी कही, जिससे यातायात सुचारू रूप से चलता रहे। इसके अलावा, सड़कों के किनारे होल्डिंग एरिया विकसित करने और वहां सभी आवश्यक सुविधाओं जैसे ईधन, फूड आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। स्वास्थ्य विभाग के लिए मण्डलायुक्त ने कहा कि एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए, जिसमें प्रत्येक होल्डिंग एरिया के आस-पास चिकित्सकों की उपलब्धता और नजदीकी अस्पतालों का संपर्क विवरण सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, कुम्भ के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने और इसके संपर्क नंबरों का प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
इसके बाद मण्डलायुक्त ने प्रयागराज जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और आईटीआई में बनाए जा रहे होल्डिंग एरिया का निरीक्षण किया। निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष न व्यक्त करते हुए एनएचएआई के अधिकारियों को 24 घंटे कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि निर्माण शीघ्र पूरा हो सके। होल्डिंग एरिया में शौचालय, प्रकाश व्यवस्था और एप्रोच रोड की मरम्मत की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी दिशा निर्देश दी गई। इस अवसर पर मण्डलायुक्त ने व्यापारी संगठनों के साथ बैठक करने और दुकानों में रेट लिस्ट डिस्प्ले करने की आवश्यकता जताई, ताकि ओवर रेटिंग की शिकायतें न आएं।