Panchang 15 August 2024 :– सावन मास की दशमी तिथि के दिन क्या होगा पूजा का शुभ मुहू्र्त और राहुकाल का समय, यहां जानें पूरा पंचांग
Panchang 15 August 2024: सावन मास की दशमी तिथि के दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा। वहीं आज के सुबह 10 बजकर 27 मिनट के बाद एकादशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। अब जानिए पूरा पंचांग।
सावन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहने वाला है। उसके बाद मूल नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वहीं आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:53 से लेकर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना शुभ रहेगा। राहुकाल का समय दोपहर 01:30 बजे से 03 बजे तक रहने वाला है। इस काल में कोई भी शुभ काम ना करें। आइए जानें पूरा पंचांग।
आज का पंचांग (15 अगस्त 2024)
संवत – पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह – श्रावण एशुक्ल पक्ष
तिथि – दशमी 10:27 Am तक फिर एकादशी
व्रत व पर्व – श्रावण नवमी व्रत
दिवस – गुरुवार
सूर्योदय – 05:44 Am
सूर्यास्त – 07:01 Pm
नक्षत्र – ज्येष्ठा 12:54 Pm तक फिर मूल
चन्द्र राशि :- वृश्चिक, स्वामीग्रह – मङ्गल 12:53 PM तक फिर धनु
स्वामीग्रह – बृहस्पति
सूर्य राशि – कर्क, स्वामी – चन्द्रमा
करण – गरज 10:23 Am तक फिर वणिज
योग : वैधृति 03 Pm तक फिर विष्कुम्भ
शुभ मुहूर्त
1 अभिजीत – 11:53 Am से 12:47 Pm
2 विजय मुहूर्त – 02:22 Pm से 03:25 Pm तक
3 गोधुली मुहूर्त – – 06:24 PM से 07:26 Pm तक
4 ब्रम्ह मुहूर्त – 4:05 Am से 05:09 Am तक
5 अमृत काल – 06:05 Am से 07:55 Am तक
6 निशीथ काल मुहूर्त – रात्रि 11:52 से 12:43 तक रात
संध्या पूजन – 06:23 PM से 07:20 Pm तक
दिशा शूल – – दक्षिण दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त
राहुकाल – दोपहर 01:30 बजे से 03 बजे तक
क्या करें – आज श्रावण माह का दशमी व गुरुवार दिवस है। भगवान विष्णु जी की उपासना करें। आज पितृ दोष का उपाय भी करें। श्रावण माह का व्रत करें। सत्य पर ध्यान दें। शिवपुराण कहें या श्रवण करें। आज फलों के रस से शिव लिंग का रुद्राभिषेक करें। घर मे नर्मदेश्वर या पारद शिवलिंग रखें व उनकी उपासना करें। श्रावण माह में भगवान शिव व माता दुर्गा जी को प्रसन्न करना सहज भक्ति भाव से ही आसान हो जाएगा आज बहुत पवित्र तिथि है। सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करें। शिवलिंग की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ भी करें। अन्न व फलों का दान करे। शिव मंदिर परिसर में बेल व पीपल का पेड़ लगाएं। आज मीठे जल से रुद्राभिषेक करने से सभी कष्ट समाप्त होते हैं। मधु से रुद्राभिषेक करने से धन, सम्पदा व ऐश्वर्य का सुआगमन होता है। श्रावण माह में तीर्थ करें। पार्थिव का शिवलिंग बनाकर पूजन करें। घर मे पारद का शिवलिंग लाकर उनकी उपासना व जलाभिषेक से भगवान शिव की अनन्य भक्ति प्राप्त होगी। धार्मिक पुस्तकों का दान करें।
क्या न करें – गुरु का अपमान मत करें।