आज का पंचांग 6 अगस्त 2024 : तीसरे मंगला गौरी व्रत के दिन क्या होगा पूजा का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय, यहां जानें पूरा पंचांग
Daily Horoscope 6 अगस्त 2024 (आज का पंचांग 6 अगस्त 2024)
सावन मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर होगा। आज के दिन शाम के 6 बजे के बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:55 से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना बहुत ही शुभ रहेगा। मंगला गौरी व्रत के दिन संध्या पूजन का समय 06:21 से 07:21 तक रहेगा। आज के दिन दिशा शूल उत्तर दिशा में रहेगा। इस दिन राहुकाल का समय दोपहर 03 बजे से 04:30 बजे तक रहेगा। आइए जानें पूरा पंचांग।
(आज का पंचांग 6 अगस्त 2024)
संवत – पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह – श्रावण, कृष्ण पक्ष
तिथि – द्वितीया
व्रत – श्रावण मंगलवार व्रत
दिवस – मंगलवार
सूर्योदय – 05:42 Am
सूर्यास्त – 07:10 Pm
नक्षत्र – मघा 06 Pm तक फिर पूर्वा फाल्गुनी
चन्द्र राशि – सिंह, स्वामीग्रह – – सूर्य
सूर्य राशि – कर्क, स्वामी – चन्द्रमा
करण – बालव 06:55Am तक फिर कौलव
योग – वरियान 11:03 तक फिर परिघ
शुभ मुहूर्त
1 अभिजीत – 11:55 Am से 12:47 Pm
2 विजय मुहूर्त – 02:25 Pm से 03:27 Pm तक
3 गोधुली मुहूर्त – 06:32 Pm से 07:24 Pm तक
4 ब्रम्ह मुहूर्त – 4:09 Am से 05:09 Am तक
5 अमृत काल – 06:08 Am से 07:53 Am तक
6 निशीथ काल मुहूर्त – रात्रि 11:53से 12:43 तक रात
संध्या पूजन – 06:21 Pm से 07:21 Pm तक
दिशा शूल – उत्तर दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त
राहुकाल – दोपहर 03 बजे से 04:30 बजे तक
क्या करें – श्रावण माह मंगलवार का व्रत करें। आज मधु से शिव लिंग का रुद्राभिषेक करें। घर मे नर्मदेश्वर या पारद शिवलिंग रखें व उनकी उपासना करें। श्रावण माह में भगवान शिव व माता दुर्गा जी को प्रसन्न करना सहज भक्ति भाव से ही आसान हो जाएगा आज बहुत पवित्र तिथि है। श्रावण बहुत पावन माह है। दिन भर व्रत रहें। भगवान शिव जी की उपासना करें।शिवलिंग की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ भी करें। अन्न व फलों का दान करे। शिव मंदिर परिसर में बेल का पेड़ लगाएं। आज गन्ने से रुद्राभिषेक करने से सभी कष्ट समाप्त होते हैं। दुग्ध से रुद्राभिषेक करने से धन,सम्पदा व ऐश्वर्य का सुआगमन होता है। श्रावण माह में तीर्थ करें। शिव पुराण का पाठ पूर्ण कर तत्पश्चात हवन करें। मङ्गल के द्रव्य मसूर व गुड़ के दान का बहुत महत्व है।