बुजुर्गों में निमोनिया: गंभीर स्वास्थ्य खतरे से निपटने के लिए जरूरी हैं समय पर पहचान और रोकथाम

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लखनऊ। निमोनिया जो फेफड़ों का गंभीर संक्रमण है। आज भी वृद्ध व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है। यह बीमारी अक्सर खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का कारण बनती है, और बुजुर्गों में यह जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

बुजुर्गों में निमोनिया का सही समय पर निदान और उपचार बेहद जरूरी

लखनऊ के रीजेंसी हॉस्पिटल की कंसल्टेंट फिजिशियन और डायबिटीज़ एक्सपर्ट डॉ. आकांक्षा गुप्ता ने इस बारे में बताया कि बुजुर्गों में निमोनिया का सही समय पर निदान और उपचार बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा ब्लड टेस्ट, एक्स-रे या सीटी स्कैन से प्रारंभिक जांच करके सही उपचार किया जा सकता है, जिससे गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

वैक्सीनेशन और स्वच्छता आदतों का महत्व

इसके अलावा वैक्सीनेशन और स्वच्छता आदतों के महत्व पर भी जोर देते हुए डॉ. आकांक्षा ने बताया कि टीके, जैसे न्यूमोकोकल और इन्फ्लूएंजा, निमोनिया की गंभीरता को कम कर सकते हैं और ICU में भर्ती होने से बचा सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम और धूम्रपान से बचाव भी बुजुर्गों के लिए निमोनिया से सुरक्षा के प्रभावी उपाय हैं। बुजुर्गों में निमोनिया के खतरे को समझते हुए जागरूकता और समय पर इलाज की मदद से इस गंभीर समस्या से निपटा जा सकता है।

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