झांसी | झांसी मेडिकल कालेज में किस वजह से आग विकराल हो गई थी कि चंद मिनटों में प्राणवायु ने ही 10 नौनिहालों की जान ले ली | सूत्रों ने बताया कि (एसएनसीयू) में भर्ती नवजात शिशुओं में लगभग सभी ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। आग से मास्क के जलने परऑक्सीजन का लीकेज शुरू हुआ और फिर आग ने विकराल रूप ले लिया।नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू) में शुक्रवार देर रात लगी आग की वजह 24 घंटे बाद भी साफ नहीं हो सकी है। अस्पताल प्रशासन शॉर्ट.सर्किट की वजह से आग लगने की बात तो कुबूल कर रहा है, लेकिन शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ इसका जवाब देने के लिए अफसर राजी नहीं हैं।शुरुआती जांच में सामने आया है कि एसएनसीयू में उपकरणों के अत्यधिक लोड की वजह से शॉर्ट-सर्किट हुआ।
इसके बाद चिंगारी ऑक्सीजन कन्संट्रेटर तक पहुंची इसके बाद ही आग बेकाबू हो गई। पुलिस आग लगने के अन्य पहलुओं को भी खंगालने में जुटी है।झांसी के अस्पताल में हुए हादसे के बाद कई तरह की व्यथा-कथा सामने आ रही हैं। दो परिवारों के बच्चे आग में जल गए लेकिन उन्हें किसी और के जिंदा बच्चे मिल गए दोनों परिवार बच्चों को लेकर चले गए।सीएफओ को भी नहीं पता चल सका अग्नि शमन यंत्रों का हाल बोले जलने से फिलहाल कुछ समझ नहीं आया, झांसी में संवाददाता सभी बड़े भवनों और जनता के लिए संचालित भवनों में अलार्म लगे होने के बावजूद नहीं बजने की बात कर रहे हैं |
इसी मातम के बीच भी डिप्टी सीएम की आवभगत में डलवाया गया चूना जो की निन्दनीय हो गया ये बात उन्हें आहात कर गई एमेडिकल कालेज में पीड़ितों के आंसू पोछने आए डिप्टी सीएम ने आवभगत पर दिए कार्रवाई के आदेश उन्होंने कहा की ऐसी ह्रदय विदारक घटना में अस्पताल प्रशासन को मरीजो की चिंता करने की जगह इस तरह के आदेश देने वाले अधिकारीयों और कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी | उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना के पीछे के कारणों की जांच सहित मृत मासूमो तथा उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दोषियों पर कार्यवाही की बात कही साथ ही हर संभव सरकारी सहयोग का आश्वासन भी दिया है | इससे पूर्व ही मृतक मासूम के परिजनों को आर्थिक सहायता की घोषणा सरकारद्वार की जा चुकी है |
उप मुख्यमंत्री गंभीर रोगियों से भी मिले और उन्हें बेहतर चिकित्सा का भरोसा दिलाया लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा जांच रिपोर्ट की तय सीमा पूरी होने के बाद भी अभी भी कुछ साफ़ नहीं हो सका है ऐसे में कयास ये भे लगाए जा रहे हैं कि फायर सिक्यूरिटी की व्यवस्था पूरी तरह फेल थी वरना इतनी बड़ी दुर्घटना को रोका जा सकता था जिसे अस्पताल प्रशासन छुपाने की कोशिस तो नहीं कर रहा ऐसे में एक बात तो तय है की यदि अपराध साबित हुए तो कार्यवाही निश्चित है|