फेफड़ों को हेल्दी रखने और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने वाले 5 फायदेमंद योगासन

हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग्स केंसर डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है साथ ही इससे बचे रहने के उपायों के बारे में भी बताना है। सही डाइट और योग को अपने रूटीन में शामिल कर फेफड़ों को लंबे समय तक हेल्दी रखा जा सकता है।

फेफड़े शरीर को आक्सीजन सप्लाई करते हैं और कार्बन डाइऑक्सीइड के साथ अन्य नुकसानदायक गैसों को बाहर निकलाने का काम करते हैं। फेफड़े सांस लेने में मदद करते हैं। इसमें किसी भी तरह की खराबी कई खतरनाक समस्याओं की वजह बन सकती है। इसी के बारे में बताने के मकसद से हर साल 1 अगस्त को मनाया जाता है।

वैसे फेफड़ों को लंबे समय तक हेल्दी बनाए रखना इतना मुश्किल भी नहीं है। खानपान पर ध्यान देकर और रोजाना कुछ देर एक्सरसाइज सबसे असरदार उपाय है। कुछ खास योगासनों की मदद से भी फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होती है। जान लें इसके बारे में।

इससे पूर्व एक महत्त्वपूर्ण जानकारी…
तथ्य

जैसे जैसे हमारा आयु बढ़ता जा रहा है, ठीक वैसे – वैसे हमारी श्वास छोटी होती जा रही हैं, क्या आपने कभी ध्यान दिया है, एक छोटे नवजात शिशु को देखये वो पेट से श्वास ले रहा है तात्पर्य नाभि तक

( What is abdominal breathing called in yoga?
Diaphragmatic Breathing)

लेता है, ताकि शारीरिक मानसिक विकास हो सके।
आज के समय Adult का Breathing pattern बहुत छोटी हो गया है जिससे सम्पूर्ण शरीर को प्रयाप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिल पाता जिसके फलस्वरूप बीमार पड़ता है।

(99.99% Disease and Disorders or pain in the body in due to poor blood circulation & lack of Oxygen level)

यह प्रमाणित हो गया है, इसपर 2 महान वैज्ञानिक को अवार्ड भी मिला है।

ताड़ासन (Mountain pose)

ताड़ासन सीधे खड़े होकर किया जाने वाला आसन है। इसे करने से शरीर का पोस्चर सही होता है, थकान दूर होती हैए एनर्जी बढ़ती है, मसल्स रिलैक्स होता है और शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन भी बढ़ता है। गहरी सांस भरते हुए किए जाने वाले इस आसन से फेफड़ों की कार्यक्षमता भी बढ़ती है।

भुजंगासन (Cobra Pose)

इस आसन में लंबी-गहरी सांस भरते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर स्ट्रेच करते हैं। जिससे मांसपेशियों की अकड़न दूर होती हैए सांस लेने से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं। इसके अलावा इस आसन को करने से पेट और चिन की चर्बी कम होती है।

अधोमुख श्वानासन (Downward Dog pose)

अधोमुख श्वानासन भी फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए बहुत ही बेहतरीन आसन है। इससे लंग्स की कैपेसिटी बढ़ती है। साथ ही साथ इससे पाचन तंत्र में भी सुधार होता है। नींद की प्रॉब्लम दूर होती हैए थकान से छुटकारा मिलता है। शरीर के ऊपरी हिस्से में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है।

मत्स्यासन (Fish Pose)
इस आसन को करने में भी छाती को फैलाना होता है, जिससे लंग्स बेहतर तरीके से काम कर पाता है। यह मुद्रा श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाती है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Half Spinal Twist)

यह आसन श्वसन अंगों के साथ पेट के अंगों की भी मालिश करता है। इस आसन को करने से फेफड़े डिटॉक्स होते हैंए शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सही तरीके से होता है जिससे फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है। साथ ही साथ रीढ़ की हड्डी भी लचीली होती है।

तो अगली बार जब आप मैट पर जाएं, तो याद रखें कि योग के थोड़े देर के अभ्यास से आप कई तरह के फायदे पा सकते हैं। फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज पर खासतौर से फोकस करें।

प्राणायाम एक उत्तम तकनीक है अभ्यास है जिससे आपके शरीर में आक्सीजन की मात्रा को सन्तुलित रखेगा इसलिए अवश्य करें…

योग व प्राणायाम के लिए किसी योग शिक्षक या योग वैलनेस इंस्ट्रक्टर से परामर्श जरूर ले….

योग वैलनेस इंस्ट्रक्टर, योग शिक्षक रुद्र अभि सिंह ।

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