प्रधानमंत्री श्री योजना के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय मनकापुर में आयोजित कार्यशाला: कठिन परिश्रम और समय प्रबंधन की आवश्यकता: पूर्णेन्दु

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गोंडा। प्रधानमंत्री श्री योजना के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय मनकापुर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और उच्च शिक्षा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में करियर काउंसलर पूर्णेन्दु शुक्ला ने मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बात रखी और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के महत्व को समझाया।

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देना

पूर्णेन्दु शुक्ला ने बताया कि बदलते समय और नई तकनीकों को ध्यान में रखते हुए भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया गया है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को अपने व्यवसाय शुरू करने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह न केवल उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि वे दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर उत्पन्न कर सकेंगे।

नई शिक्षा नीति में मल्टीडिसीप्लिनरी शिक्षा पर जोर

कार्यशाला में पूर्णेन्दु शुक्ला ने बताया कि नई शिक्षा नीति बहुविषयक (मल्टीडिसीप्लिनरी) शिक्षा पर जोर देती है। यह नीति छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक और रोजगारपरक शिक्षा को अपनाने के लिए प्रेरित करती है। शुक्ला ने उदाहरण के तौर पर इवेंट मैनेजमेंट, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्राफिक डिजाइनिंग, एथिकल हैकिंग, रेडियो जॉकी, कंटेंट राइटिंग और सोशल मीडिया मैनेजमेंट जैसे नए करियर विकल्पों के बारे में विस्तार से बताया।

करियर चयन में ध्यान रखने योग्य बातें

पूर्णेन्दु शुक्ला ने छात्रों को करियर चयन के बारे में बताया और इस बात पर जोर दिया कि करियर का चयन करते समय भविष्य के अवसरों को ध्यान में रखें। उन्होंने छात्रों को यह भी सलाह दी कि वे अपनी रुचि और योग्यता को ध्यान में रखते हुए ऐसे विषयों का चयन करें जो आने वाले 10 सालों में भी प्रासंगिक रहें।

कठिन परिश्रम और समय प्रबंधन की आवश्यकता

इस दौरान पूर्णेन्दु शुक्ला ने यह भी कहा कि कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समय प्रबंधन और निरंतर कठिन परिश्रम आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को मोटिवेट करते हुए यह बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश पाना एक विशेष उपलब्धि है, क्योंकि यहां की प्रवेश परीक्षा में केवल 2% छात्र ही सफल हो पाते हैं।

स्वत एनालिसिस के जरिए खुद को पहचाने

कार्यक्रम के दौरान पूर्णेन्दु शुक्ला ने छात्रों को स्वाट एनालिसिस के माध्यम से अपनी विशिष्टताओं और रुचियों को समझने की सलाह दी। इस विधि से छात्र अपने मजबूत पक्ष, कमजोरियों, अवसरों और खतरों को पहचान सकते हैं, जो उन्हें अपने करियर की दिशा में मदद करेगा।

कार्यशाला में उप प्रधानाचार्य का संबोधन

कार्यशाला को उप प्रधानाचार्य हरिशंकर शुक्ला ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जवाहर नवोदय विद्यालय में छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है और इस प्रकार की कार्यशालाएं छात्रों को करियर चयन में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

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