कांग्रेस का टूलकिट गैंग बीजेपी नेताओं के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया: कांग्रेस को गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए: डिप्टी सीएम
लखनऊ। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस नेताओं के अनर्गल प्रलाप पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अपने ख़तरनाक राजनीतिक मंसूबे साधने के लिए कांग्रेस और उसका टूलकिट गैंग भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर समाज को बांटने का काम कर रहा है। उप मुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफ़ा मांगने और चौपाल लगाने का ढोंग करने वाले कांग्रेसियों को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए।
केशव प्रसाद मौर्य कहा कि बाबा साहेब की हमेशा सामाजिक और राजनितिक उपेक्षा करने वाले कांग्रेस के नेता आज वोट बैंक की खातिर बाबा साहेब के अपने होने का ढोंग कर रहे हैं। नेहरू परिवार के नेता अभी तक गांधी उपनाम बेचते रहे और अब जबकि उससे बात नहीं बन रही तो बाबा साहब की तरह नीले कपड़े पहनकर उनके सपनों को बेचने का नाटक किया जा रहा है।
विपक्ष पर जमकर बरसे केशव प्रसाद मौर्य
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी विभाजनकारी, द्वेषपूर्ण राजनीति को बल देने और चुनावों में मिल रही हार से हताश कांग्रेस के नेताओं ने लोकतंत्र के मंदिर को भी नहीं छोड़ा और उसको भी अपनी साजिश का केंद्र बना दिया, राहुल गांधी और उनके नेताओं के द्वारा किया गया ये कृत निंदनीय है।
मौर्य ने कहा जिन्होंने जीवन भर बाबा साहब का अपमान किया बाबा साहब के सिद्धांतों को दरकिनार किया, जब तक सत्ता में रहे तब तक बाबा साहब को भारत रत्न नहीं दिया और आरक्षण के सिद्धांतों की धज्जियां उड़ाईं, वो लोग आज बाबा साहब के नाम पर भ्रांति फैलाना चाहते हैं।
बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता बाबा साहेब के विचारों और सिद्धांतों का सम्मान करता है
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा चुनावों में मिली हार से कांग्रेस इतनी बौखला गई है कि वो जनता के बीच उन्माद पैदा कर राजनितिक लाभ लेना चाहती है। देश के संविधान को समावेशी बनाने में देश के पिछड़ वर्ग, दलित, आदिवासी और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए तथा देश के लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने में बाबा साहब का बहुत बड़ा योगदान है। भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता बाबा साहेब के विचारों और सिद्धांतों का सम्मान करता है।
कांग्रेस ने बाबा साहब को नहीं दिया भारत रत्न
उप मुख्यमंत्री ने कहा कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर को 1952 के लोकसभा चुनाव और 1954 के चुनाव में हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस पार्टी द्वारा विशेष प्रयास कर उनकी हार सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद अपने आप को भारत रत्न दिया, लेकिन बाबा साहब अंबेडकर को इस सम्मान से भी अछूता रखा। बाबा साहब अंबेडकर को भारत रत्न तब दिया गया, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वाली सरकार थी।