लखनऊ। केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में सोमवार को सांस के गरीब रोगियों के लिए ग्लेनमार्क फाउंडेशन मुंबई द्वारा 100 नेबुलाइजर का दान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। बता दें कि प्रधानमंत्री ने एक योजना शुरू की है जिसका नाम कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी है। इस योजना के अंतर्गत बड़े कॉर्पोरेट घरानों को सामाजिक सरोकार के लिए अपने लाभ से दो प्रतिशत का दान दिया जाता है। इसी योजना के तहत ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने आज किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को 100 नेबुलाइजर सांस के गरीब रोगियों के लिए दान में दिए।
नेबुलाइजर एक छोटी एवं उपयोगी मशीन होती है जो सांस के रोगियों के लिए इमरजेंसी के दौरान और सांस की समस्या में लंबे समय के लिए उनके उपचार में काम आती है। गरीब रोगियों के लिए इसे खरीदना थोड़ा महंगा होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त द्वारा पहल की गयी और ग्लेनमार्क फाउंडेशन से संपर्क किया तथा उनको प्रेरित किया कि केजीएमयू में आने वाले गरीब रोगियों के लिए कुछ नेबुलाइजर दान में दें।
कार्यक्रम के संयोजक विभागाध्यक्ष डॉ सूर्यकान्त ने बताया कि नेबुलाइजर सांस के रोगियों के लिए एक बहुत ही प्रमुख हिस्सा है। यह इमरजेंसी और आईसीयू में और कई बार घर पर मरीजों के लिए भी सांस की दवाई जिन्हें हम रेस्पयूल्स कहते हैं उसके इस्तेमाल के लिए नेबुलाइजर का उपयोग किया जाता है। यह सांस की दवाई इस मशीन से एक मास्क द्वारा सांस की नली के अंदर प्रवाहित होती है और सांस की नलियों को खोलने का काम करती है, उसके अंदर जो बलगम भर जाता है उसको पतला करने का काम करती है और सांस की नलियों की सूजन को भी कम करती है। इस तरह नेबुलाइजर वास्तव में सांस के रोगियों के लिए एक बहुत बड़ा वरदान है।
फाउंडेशन के हरिशंकर यादव ने बताया कि ग्लेनमार्क फाउंडेशन द्वारा केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 100 नेबुलाइजर का दान भारत का पहला सामाजिक सरोकार कार्यक्रम है। केजीएमयू की कुलपति डा0 सोनिया नित्यानन्द ने रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को इस कार्यक्रम के लिए बधाई दी और कहा कि रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग समाजिक सरोकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।