क्या है बिश्नोई समाज का इतिहास?
आखिर कौन होते हैं बिश्नोई कहां से आते हैं? बिश्नोई पंथ की स्थापना 1485 में संत गुरु जंभेश्वर महाराज ने 29 नियम की आचार संहिता बनाकर की थी। इस पंथ के लोग आज भी उनके बताए हुए नियमों पर चलते हैं। वर्तमान में बिश्नोई पंथ के लोग मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश में हैं। भारत के अलावा भी कुछ देशों में भी हैंए यह समाज जीव और मानव सेवा को समर्पित है और जंभेश्वर महाराज को अपना आराध्य मानता है। बिश्नोई समाज के इतिहासकारों के अनुसार गुरु जंभेश्वर जी का जन्म 1451 में नागौर जिले के पीपासर गांव में हुआ था। जंभेश्वर जी के पिता का नाम लोहट पंवार और मां का नाम हंसादेवी था। गुरु जंभेश्वर भगवान के बारे में बताया जाता है कि वह लगभग 7 साल तक मौन रहें, इसलिए इन्हें बचपन में गूंगा औ धनराज के नाम से पुकारा जाता था। गुरु जंभेश्वर ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा में समर्पित कर दिया था। इन्होंने मात्र 34 साल की उम्र में बिश्नोई पंथ की स्थापना की थी। उसके बाद 1536 में गुरु जम्भेश्वर लालासर में निर्वाण को प्राप्त हुए।
उनका समाधि स्थल आज भी बीकानेर के मुकाम गांव में बना है।
खौफ में सलमान खान…..!
लॉरेन्स बिश्नोई की धमकी के बाद बढ़ाई गई सलमान खान के घर के बाहर सुरक्षा। सलमान खान के परिवार वालों ने कहाए कोई अभी सलमान खान से न मिलें। धमकी, रेकी, फायरिंग और अब दोस्त का कत्ल, सलमान के इर्द-गिर्द लॉरेंस बिश्नोई ने खौफ कायम कर दिया है।
साल 2018 में लॉरेंस ने ऐलान किया था कि काले हिरण के शिकार के लिए वो सलमान खान से बदला लेकर रहेगा और उन्हें नहीं छोड़ेगा।