लखनऊ के मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में वर्ल्ड-क्लास ब्रेन स्ट्रोक ट्रीटमेंट की सुविधा
लखनऊ। राजधानी के मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं और समय पर उपचार सुनिश्चित किया जा रहा है। अस्पताल में कुशल डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम के द्वारा मरीजों को त्वरित देखभाल मिल रही है, जिससे स्ट्रोक के गोल्डन आवर में प्रभावी इलाज संभव हो पा रहा है।
सर्दियों में बढ़ रहे स्ट्रोक के मामले
मेदांता में न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. एके ठक्कर ने बताया कि सर्दियों में स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि हो रही है। उनका कहना है कि स्ट्रोक के बाद गोल्डन ऑवर के दौरान सही और समय पर इलाज मरीज की रिकवरी की संभावना को कई गुना बढ़ा देता है। तो वहीं न्यूरोसर्जन डॉ. रवि शंकर ने बताया कि स्ट्रोक का खतरा युवाओं और वयस्कों में बढ़ रहा है। बदलती जीवनशैली, खानपान, व्यायाम की कमी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि हो रही है। नियमित हेल्थ चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
स्ट्रोक के इलाज में क्रांति
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के निदेशक डॉ. रोहित अग्रवाल ने बताया कि स्ट्रोक थ्रॉम्बेक्टॉमी एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है, जो स्ट्रोक के इलाज में क्रांति ला रही है। इस प्रक्रिया के जरिए रक्त के थक्के को हटाकर रक्त प्रवाह को बहाल किया जाता है, जिससे मरीज की स्थिति में सुधार होता है।
डॉ. ऋत्विज बिहारी की सलाह
मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के स्ट्रोक यूनिट के इंचार्ज डॉ. ऋत्विज बिहारी ने स्ट्रोक के इलाज में गोल्डन आवर यानि पहले 4.5 घंटों के प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षित एम्बुलेंस टेक्नीशियन द्वारा पहले से अलर्ट करने और प्राथमिक उपचार देने के बाद अस्पताल में इमरजेंसी टीम तुरंत इलाज के लिए तैयार हो जाती है।
स्ट्रोक के इलाज के लिए उन्नत सुविधाएं और प्रशिक्षण प्राप्त स्टाफ
मेदांता में स्ट्रोक के इलाज के लिए उन्नत आईसीयू, स्ट्रोक थैरेपी और रिहैबिलिटेशन की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ द्वारा संचालित किया जाता है।