बिहार के सरकारी स्कूल में ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने खड़े थे गुरु जी, ऐप में लोकेशन देख कर उड़े होश लगा रहे गुहार…..!
अक्सर देखा गया है कि अधूरी तैयारी और बिना जांचे कोई भी तकनीक उपयोग में लाना हमारी सुविधा की जगह समस्या बन जाती है। कुछ ऐसा ही बिहार के सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ हो रहा है, ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने के निर्देश हैं, लेकिन कई बार इसमें खामियों के कारण टीचर अटेंडेंस बनाने में लगे रह जाते हैं। कई बार नेटवर्क नहीं होता तो कई बार ऐप ठीक से काम नहीं कर रहा होता। ऐसे में बिहार के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन हाजिरी जी का जंजाल बन चुका है।
बिहार के गोपालगंज जिले में शिक्षा विभाग के निर्देश पर सभी सरकारी स्कूलों में ई.शिक्षा कोष मोबाइल ऐप से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज हो रही है। बीते जून महीने के अंतिम सप्ताह से ही इसका ट्रायल शुरू हो गया था, लेकिन अब भी शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बीते दिनों में भी कई स्कूलों में हाजिरी बनाने को लेकर शिक्षक परेशान दिखे। मोबाइल ऐप लोकेशन सही नहीं बता रहा था, कुचायकोट प्रखंड में एक गुरुजी ने जब स्कूल पहुंच कर ई.शिक्षा कोष ऐप को खोला, तो उनके होश उड़ गये। उनका लोकेशन स्कूल बाउंड्री से 1. 08 करोड़ मीटर दूर बता रहा था। गुरुजी काफी देर तक परेशान रहे, इसके बाद उन्होंने प्रधानाध्यापक को इसकी सूचना दी लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।दरअसल ऐसे किसी भी ऐप के लांचिंग से पहले यूजर्स की संख्या, सर्वर की क्षमता सहित आने वाले ट्रैफिक के समय मिलने वाली बैंडविथ, यूजर को मिलने वाली इंटरनेट सुविधा का मोबाइल ऐप से जुड़े रहना इन सभी बिंदुओं पर तकनीकी एक्सपर्ट जांच करते हैं जिसकी एक लंबी प्रक्रिया है। मगर शायद पुलों की तरह इस एप्लिकेशन में शिक्षा विभाग कोई खामी नजर नहीं आई और आनन – फानन अधिकारियों ने तुगलकी फरमान जारी कर अपने स्तर पर काम पूरा कर लिया।अब भुगतना उन्हें है जिनकी रिपोर्ट इस सॉफ्टवेयर से बनाना है।
शिक्षकों में हो रही चर्चा के मुताबिक अधिकतर शिक्षकों को इस तरह की समस्या से जूझना पड़ रहा है काफी कोशिश करने के बाद इन शिक्षकों की देर से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज हो पाती है, ई.शिक्षा कोष ऐप से हाजिरी के संबंध में शिक्षकों का कहना है कि किसी दिन एप तुरंत खुल जाता है, लेकिन किसी-किसी दिन काफी वक्त लगता है।
शिक्षकों ने बताया कि समय पर विद्यालय पहुंचने के बाद भी ऑनलाइन उपस्थिति देर से दर्ज होती है। कई बार मोबाइल ऑन-ऑफ करने के बाद एप काम करना शुरू करता हैए तब तक देर हो जाती है। ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर तकनीकी व्यवस्था को सही करने की मांग शिक्षकों द्वारा की जा रही है।
बता दें कि बीते दिनों जमुई का एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें शिक्षक छत के ऊपर चढ़कर ऑनलाइन हाजिरी बनाने की कोशिश कर रहे थे। जंगल के बीच स्थित विद्यालय की छत पर चढ़ने के लिए उन्होंने बांस की सीढ़ी बनवाई थी और इसके सहारे ऊपर चढ़े, काफी मशक्कत के बाद वह अपनी हाजिरी बना सके । इस फरमान से पहले सरकार को कम से कम इंटरनेट सुविधा का प्रावधान भी विद्यालयों में करना व्यावहारिक लगता है लेकिन इस समस्या से अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता।