लखनऊ। प्रमुख सचिव पी गुरू प्रसाद और राहत आयुक्त भानुचन्द्र गोस्वामी ने मंगलवार को शहर के प्रमुख रैन बसेरों का निरीक्षण किया। इस दौरान जियामऊ, 1090 चौराहा, कैसरबाग और चारबाग बस अड्डे पर स्थित रैन बसेरों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया और कम्बल का वितरण भी किया गया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेशभर में रैन बसेरों की संख्या बढ़ी
पी गुरू प्रसाद ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रैन बसेरों में ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त संसाधन रखें जाएं और किसी भी व्यक्ति को खुले आसमान में सोने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में अब तक 1240 रैन बसेरों का विकास किया गया है, और आगे भी आवश्यकता के अनुसार इन्हें विस्तार दिया जाएगा।
ठंड से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां
राहत आयुक्त ने कहा कि शीतलहर के प्रभाव को देखते हुए सभी जिलों के अधिकारियों को रैन बसेरों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिलाधिकारी और नगर आयुक्त यह सुनिश्चित करें कि हर जरूरतमंद को कम्बल मिले और रैन बसेरों में किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान तत्काल किया जाए।
रैन बसेरों में महिलाओं की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान
राहत आयुक्त ने नगर आयुक्तों को रैन बसेरों के बारे में जानकारी देने के लिए स्क्रीन प्रदर्शित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही रैन बसेरों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष व्यवस्था रखने की बात कही।
कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग और फीडबैक पर ध्यान
गोस्वामी ने कहा कि राहत आयुक्त कार्यालय के कंट्रोल रूम से रैन बसेरों, अलाव और कम्बल वितरण की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है, और अधिकारियों को फीडबैक के आधार पर सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं।