रेशम उद्योग को मिलेगी नई दिशाः मंत्री राकेश सचान ने दिए प्रशिक्षण संस्थान और बजट बढ़ाने के निर्देश
लखनऊ। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने लखनऊ स्थित रेशम निदेशालय में एक महत्वपूर्ण विभागीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में मंत्री ने विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया और उद्योग के विस्तार के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर चर्चा की।
रेशम उद्योग में नवाचार और कौशल विकास पर जोर
बैठक की शुरुआत प्रदेश की पहली सिल्क टेस्टिंग लैब और प्रादेशिक को-ऑपरेटिव सेरीकल्चर फेडरेशन लि. के कक्ष के उद्घाटन से हुई। मंत्री राकेश सचान ने रेशम उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने और योजनाओं के लाभ को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ में एक रेशम प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। जिससे प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
2025-26 के लिए मुख्यमंत्री रेशम परियोजना के बजट में वृद्धि की मांग
यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान ने बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए आवंटित बजट का प्रभावी और समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने वित्त विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री रेशम परियोजना में अधिक बजट प्रावधान कराने की बात की।
प्रदेश की पहली सिल्क टेस्टिंग लैब और उद्योग को मिलेगी मजबूती
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव बीएल मीणा ने बताया कि लखनऊ में स्थापित सिल्क टेस्टिंग लैब प्रदेश की पहली ऐसी लैब है। जो शुद्ध सिल्क और सिंथेटिक सिल्क के बीच अंतर की जांच कर सकती है। इस लैब से रेशम व्यापारियों और उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ होगा। इसके साथ ही प्रादेशिक को-ऑपरेटिव सेरीकल्चर फेडरेशन को सक्रिय करने और नई समितियों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। जिससे रेशम उद्योग को मजबूती मिलेगी।
सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि रेशम उद्योग प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है और यह आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ भी है। उद्योग के विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। ताकि इससे प्रदेश में अधिक रोजगार और आर्थिक समृद्धि हो सके।