लखनऊ। किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व और कृतित्व तभी निखरता है जब वह कठिन संघर्षों से गुजर कर समाज और राष्ट्र के लिए कुछ योगदान करता है। प्रतापगढ़ के अंतरराष्ट्रीय खेल प्रशिक्षक घनश्याम यादव ने विपरीत परिस्थितियों को मात देते हुए न केवल खुद को साबित किया, बल्कि अपनी मेहनत से देश और विदेश में अपनी पहचान बनाई।
खेलो इंडिया योजना को मिल रही मजबूती
अंतरराष्ट्रीय खेल प्रशिक्षक घनश्याम यादव जो कि मान्धाता ब्लाक के जददूपूर पोस्ट छितपालगढ़ गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने खेलों के क्षेत्र में अपनी जबरदस्त पहचान बनाई है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खेलो इंडिया योजना के तहत लगातार काम कर रहे हैं। वे वर्तमान में भोपाल स्थित तात्या टोपे स्टेडियम टीटी नगर में अंतरराष्ट्रीय खेल प्रशिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं और खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता दिला रहे हैं।
घनश्याम यादव के सम्मान और उपलब्धियां
प्रशिक्षक घनश्याम यादव को उनके खिलाड़ियों और कोचिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
घनश्याम यादव द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ियों की सफलता
घनश्याम यादव के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं। विशेष रूप से, देव मीणा ने 34 साल बाद जूनियर एशिया में सिल्वर मेडल जीतकर अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय, युवा और खेलो इंडिया रिकॉर्ड भी दर्ज किए। इनके अलावा अन्य खिलाड़ियों जैसे बबीता पटेल, नीतिका आकारे, अंशु पटेल, अवनीश यादव, और प्रिंस यादव सहित कई खिलाड़ियों ने भी घनश्याम यादव से प्रशिक्षण प्राप्त किया और सफलता की ऊंचाइयों को छुआ।
नवीनता और संघर्ष का प्रतीक
घनश्याम यादव की मेहनत और समर्पण यह साबित करता है कि प्रतापगढ़ की धरती पर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं। उनके संघर्ष और समर्पण से यह स्पष्ट है कि किसी भी कठिनाई को पार कर सफलता हासिल की जा सकती है।