स्वच्छ वार्ड प्रतियोगिता में 12 हज़ार से अधिक वार्डों ने किया प्रतिभाग, एसवीपीएस के सदस्यों ने स्वच्छता का किया मूल्यांकन

लखनऊ। स्वच्छता है सेवा स्वच्छ वार्ड है संकल्प के साथ प्रदेश के 12 हज़ार से अधिक वार्डों में स्वच्छ वार्ड प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें से लगभग 2200 वार्डों को ‘स्वच्छ वार्ड’ घोषित करते हुए उन्हें निकाय स्तर पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। निदेशक नगरीय निकाय निदेशालय अनुज कुमार झा ने कहा कि 07 दिवसीय स्वच्छ वार्ड प्रतियोगिता का आयोजन प्रदेश स्तर पर किया गया।

इस प्रतियोगिता में निकायों के वार्डों ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। जिसमें जनप्रतिनिधियों और स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति के सदस्यों ने एकजुट होकर आम जनमानस को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में स्वच्छ उत्तर प्रदेश के स्वच्छ वार्ड का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है।

6 प्रमुख इंडिकेटर्स में 1100 अंकों पर किया मूल्यांकन

निदेशक अनुज झा ने बताया नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में 29 नवम्बर से 05 दिसम्बर के मध्य स्वच्छ वार्ड प्रतियोगिता कराने निर्देश दिए गए थे। इस क्रम में प्रत्येक निकाय अंतर्गत 3 वार्डों को स्वच्छ वार्ड घोषित करने के लिए वार्डों में स्थापित स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति के लगभग 80 हज़ार सदस्यों के सहयोग से 6 प्रमुख इंडिकेटर्स में 1100 अंकों पर मूल्यांकन किया गया।

सारथी सफाई मित्रों को मिला सम्मान

जहां 700 से अधिक निकायों के लगभग 2200 वार्डों को स्वच्छ वार्ड घोषित करते हुए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में लगभग 11 हज़ार पार्षदों ने ढाई लाख से अधिक लोगों की जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए आमजनमानस में स्वच्छता के प्रति जागरूकता का सन्देश देते हुए स्वच्छता की शपथ भी दिलाई गयी। वहीं वार्डों की स्वच्छता के सारथी सफाई मित्रों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सम्मानित भी किया गया।

स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार

प्रत्येक निकाय के 3 स्वच्छ वार्ड को सम्मानित करने के साथ निकायों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से वार्डों को स्वच्छ और सुंदर बनाने में प्रमुख योगदान देने वाले सफाई मित्रों को भी प्रशस्ति पत्र दिया गया। निदेशक अनुज झा ने कहा कि निकायों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित करना एक प्रभावी तरीका है। ऐसी प्रतियोगिताएं न केवल लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाती हैं। बल्कि स्वच्छता के लिए एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल भी तैयार करती हैं।

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