गोरखपुर के सैयद इफ्तिखार हैदर के संघर्ष का सफर युवाओं के लिए एक प्रेरणा…..!

कहते हैं कि यदि आपकी सोच बुलन्द है और आपके इरादे मजबूत हैं, तो कोई भी बाधा आपको आपकी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। गोरखपुर के एक छोटे से कस्बे से ताल्लुक रखने वाले सैयद इफ्तिखार हैदर की कहानी इस बात की एक मिसाल है। एक साधारण परिवार से आने वाले सैयद ने अपनी मेहनत और लगन से वह कर दिखाया, जो तमाम युवाओं के लिए महज एक सपना ही रह जाता है।

जीवन की शुरुआत और लेखपाल की नौकरी

सैयद का परिवार आर्थिक रूप से बहुत मजबूत नहीं था, परिवार की जरूरतों को पूरा करने और खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने लेखपाल की सरकारी नौकरी हासिल की नौकरी के साथ उनकी मूलभूत आवश्यकता तो पूरी हो रही थी लेकिन उनका मन इससे संतुष्ट नहीं था। जहां ज्यादातर लोग एक सरकारी नौकरी पाकर जीवन भर उसी में लग जाते हैं, वहीं सैयद का सपना इससे कहीं बड़ा था।

उन्हें बार – बार ये लगता था कि उनकी काबिलियत और मेहनत उन्हें किसी और मकाम तक ले जा सकती है। लेखपाल की नौकरी करते हुए उन्होंने महसूस किया कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए, तो वह प्रशासनिक सेवाओं में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह सोच ही उनके सफर की असली शुरुआत बनी।

सपने की ओर कदम.….

लेखपाल की नौकरी छोड़ने का निर्णय उनके लिए आसान नहीं था,यह उनके परिवार के लिए भी एक बड़ा फैसला था। एक स्थिर आय का छोड़कर एक अनिश्चित सफर की ओर कदम बढ़ाना किसी भी समान्य मध्यमवर्गीय परिवार के लिए आसान निर्णय नहीं था। लेकिन सैयद के आत्मविश्वास और उनकी मेहनत ने परिवार को भी विश्वास दिलाया।

उन्होंने पूरी ईमानदारी और लगन के साथ तैयारी शुरू की दिन-रात मेहनत, पढ़ाई और खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखना उनकी दिनचर्या बन गई। कई बार असफलता का डर उनके सामने खड़ा हुआ, लेकिन उन्होंने हर बार अपने आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच से उसे हराया।

उनकी मेहनत का फल उन्हें बिहार पीसीएस परीक्षा में 74वीं रैंक के रूप में मिला। यह सफलता उनके लिए सिर्फ एक नौकरी हासिल करने का मौका नहीं थी, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास और साहस का प्रमाण थी। इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्व का एहसास कराया, बल्कि उनके आसपास के लोगों को भी प्रेरित किया।

सैयद की सोच: हर युवा के लिए एक प्रेरणा

सैयद की कहानी इस बात को साबित करती है कि अगर आप अपने सपनों के प्रति समर्पित हैं, तो परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, सफलता आपको मिलकर ही रहेगी। उनकी कहानी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो छोटी-मोटी असफलताओं से घबरा जाते हैं या अपने सपनों के लिए जोखिम उठाने से कतराते हैं। जहां लोग सरकारी नौकरी को अंतिम लक्ष्य मान लेते हैं, सैयद ने यह दिखाया कि असली लक्ष्य अपनी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करना और अपने सपनों को साकार करना है।

सफलता का संदेश

सैयद इफ्तिखार हैदर आज जिस मुकाम पर हैं, वह सिर्फ उनकी मेहनत और साहस की वजह से संभव हुआ। आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय सफलता की कुंजी है।कठिनाइयों से घबराने के बजाय उनका सामना करना चाहिए। सपनों को साकार करने के लिए जोखिम उठाने से कभी न डरें।सैयद इफ्तिखार हैदर जैसे लोग समाज के लिए मिसाल हैं। उनकी सफलता सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को जीने की हिम्मत रखता है। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि कोई भी सफर मुश्किल जरूर होता है, लेकिन अगर मन में आत्मविश्वास और दिल में जुनून हो, तो मंजिल जरूर मिलती है।

सैयद को उनकी इस अद्भुत सफलता के लिए बधाई। उनके जैसे लोग ही साबित करते हैं कि साधारण परिस्थितियों से भी असाधारण उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।

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