नई दिल्ली। हिन्दू मन्दिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति हेतु विश्व हिन्दू परिषद ने गुरुवार को देश व्यापी जन-जागरण अभियान की घोषणा कर दी है। विश्व हिन्दू परिषद के संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आज कहा कि अब सभी राज्य सरकारों को मंदिरों के नियंत्रण, प्रबंधन और दैनंदिनी कार्यों से स्वयं को अविलंब अलग कर लेना चाहिए क्योंकि उनका यह कार्य हिंदू समाज के प्रति भेदभाव पूर्ण है।
उन्हानें संतों और हिंदू समाज के श्रेष्ठ लोगों की अगुवाई में आगामी 5 जनवरी से इस संबंध में हम एक देश व्यापी जन जागरण अभियान को प्रारम्भ करने जा रहे। इस अखिल भारतीय अभियान का शंखनाद आन्ध्र प्रदेश के विजयवाडा में आयोजित हैंदव शंखारावम नामक लाखों लोगों के विशेष व विराट समागम में होगा।
मंदिरों को हिंदू समाज को सौंपने की मांग
वीएचपी के संगठन महामंत्री परांडे ने कहा कि मंदिरों के प्रबंधन और नियंत्रण का कार्य अब हिंदू समाज के निष्ठावान व दक्ष लोगों को सौंप देना चाहिए। इस बारे में हमने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित वकीलों, उच्च न्यायालयों के सेवा निवृत्त मुख्य न्यायाधीशों, पूज्य संतों तथा विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को मिलाकर एक चिंतन टोली बनाई है जिसने मंदिरों के प्रबंधन व उससे जुडे किसी भी प्रकार के विवादों के निस्तारण हेतु अध्ययन कर एक प्रारूप तैयार किया है। विहिप संगठन महामंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की स्वाधीनता के उपरांत जिस हिन्दु-द्रोही काम पर विराम लग जाना चाहिए था। अर्थात मंदिरों को हिंदू समाज को सौंप देना चाहिए था।
वीएचपी ने की थी यह मांग
इससे पूर्व 30 सितम्बर को विहिप ने देश के सभी राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंप कर उनकी सरकारों को मंदिरों के प्रबंधन से हट जाने के लिए निवेदन किया था। मंदिरों की मुक्ति के इस अखिल भारतीय जागरण अभियान के अन्तर्गत इन मंदिरों की चल-अचल सम्पत्तियों की रक्षा तथा उनके योग्य विनियोग-समाज की सेवा तथा धर्म प्रचार हेतु करने के लिए हिंदू समाज का जागरण प्रारम्भ हो गया है।