लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने हिंदुओं से एकजुट होकर रहने का आह्वान किया है। राजधानी लखनऊ के निरालानगर में स्थिति सरस्वती शिशु मंदिर के ॐ विशाल कक्ष में आयोजित धर्म रक्षा निधि समर्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे उन्होंने कहा कि अमरनाथ की साहसिक यात्रा युवाओं को जरूर करनी चाहिए। अब तो लाखों की संख्या में लोग इस यात्रा पर जाते हैं।
हिंदू कन्या रक्षा और गो रक्षा का दायित्व हम सभी का है। इसे निभाने में कोई चुनौती भी आए तो पीछे नहीं हटना चाहिए। 60 वर्ष पहले एक कमरे में दो दिन तक हिंदुओं के लिए चला चिंतन, आज विश्व हिंदू परिषद के रूप में विशाल वट वृक्ष के रूप में खड़ा है। भारत माता की सेवा में रत विश्व हिन्दू परिषद द्वारा समाज के प्रत्येक क्षेत्र में सेवा कार्यों का विस्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को जाति व्यवस्था से ऊपर उठकर कार्य करने की आवश्यकता है। जितना बड़ा मिशन, उतनी बड़ी बाधा। यही जीवन की यात्रा का कड़वा सच है। अब यह मनुष्य को तय करना होता है कि आपको अपने मिशन को ध्यान में रखकर आगे बढ़ते हुए बाधाओं को पार करना है या फिर बाधाओं से भागना है।
न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि पांच सौ वर्षों के संघर्ष के उपरान्त प्रभु श्रीराम के बाल विग्रह की अयोध्या धाम में प्राण-प्रतिष्ठा के हम सभी साक्षी बने है। मंच पर मुख्य अतिथि चंपत राय, विहिप के प्रांत अध्यक्ष कन्हैयालाल मुरलीधर आहूजा सूर्यभान शासकीय अधिवक्ता भारत सरकार सुरेश प्रतिष्ठित व्यवसायी प्रमुख रूप से धर्म रक्षा निधि अर्पण करने आए उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और संयोगिता सिंह चौहान अटारी स्टेट मनीषा कपूर सोमेश वर्धन मौजूद रहे।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा कि विश्व कल्याण हेतु विश्व हिंदू परिषद का सर्वभवन्तु सुखिन का मन्त्र जो हम लेकर चले हैं, उसे पूज्य सन्तों की कृपा से समाज और जीवन में चरितार्थ कर रहे हैं। आज विश्व हिंदू परिषद की छोटी-बड़ी 60 हजार टोलियां काम कर रही हैं और धर्म रक्षा निधि समर्पण अभियान के लिए हमारा एक दिन तय रहता है।
आज हिंदू समाज को जाति व्यवस्था से ऊपर उठकर कार्य करने की आवश्यकता है। विश्व हिंदू परिषद की धर्म रक्षा निधि पर विशेष प्रकाश डालते हुए एकलव्य एवं महाराणा प्रताप के जीवन आदर्श की प्रेरणा एवं उनके समाज में समर्पण से सीख लेने की बात कही।