महाकुंभ प्रयागराज से स्वामी रामभद्राचार्य को भारत रत्न और सनातन धर्म बोर्ड के गठन की उठी मांग

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लखनऊ। विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने स्वामी रामभद्राचार्य को भारत रत्न देने एवं सनातन धर्म बोर्ड गठन की मांग उठाई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में स्वामी रामभद्राचार्य जी द्वारा प्रस्तुत किए गए ऐतिहासिक और धार्मिक साक्ष्यों को कोर्ट ने सही माना था। जो कि ऐतिहासिक फैसले के आधार का हिस्सा बना।

स्वामी रामभद्राचार्य एक विद्वान, धर्मगुरु और समाजसेवी

VHRP अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि स्वामी रामभद्राचार्य ने ना केवल धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान दिया है। बल्कि उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाणों ने अयोध्या विवाद को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें उनकी भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्वामी रामभद्राचार्य एक विद्वान, धर्मगुरु और समाजसेवी हैं। उन्होंने अपने जीवन को धर्म और सेवा के लिए समर्पित किया है।

सनातन धर्म बोर्ड के गठन की मांग

राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि उनकी राम मंदिर आंदोलन में भूमिका अनुकरणीय रही है। और यह उचित होगा कि उनके योगदान को सम्मानित करते हुए उन्हें भारत रत्न से अलंकृत किया जाए। और सनातन धर्म बोर्ड का गठन किया जाए। स्वामी रामभद्राचार्य ने अपने साक्ष्यों में प्राचीन ग्रंथों, वेदों और पुराणों के माध्यम से अयोध्या में राम मंदिर के अस्तित्व को साबित किया था। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाणों को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से प्रमाणिक माना है।

इनकी रही मौजूदगी

इस मौके पर अवसर पर प्रमुख रूप से पंकज प्रधान, नीरज मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष शिखर गुप्ता, कृष्णा पाण्डेय, हिमांशु धवल, शालू पाण्डेय, आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव, दिवाकर पटेल, अभिषेक मौर्या, शाश्वत मिश्रा, सुरेन्द्र पटेल, राघवेंद्र राय, जवाहर लाल गुप्ता, राहुल सिंह आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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