यूपी-हरियाणा सीमा विवाद: फसल की रखवाली को मजबूर किसान, हरियाणा के किसानों पर फसल काटकर ले जाने का आरोप

यूपी-हरियाणा सीमा विवाद: किसान फसल की रखवाली को मजबूर।
बागपत में यूपी और हरियाणा के किसानों के बीच यमुना खादर की जमीन को लेकर 1968 से चला आ रहा विवाद अब भी जारी है। इस विवाद में कई किसानों की जान जा चुकी है। यूपी और हरियाणा के किसानों की करीब 17 हजार बीघा से अधिक जमीन इस सीमा विवाद में फंसी है।
बागपत के निवाड़ा, सिसाना, गौरीपुर समेत 20 से अधिक गांव इस विवाद से प्रभावित हैं। इनका हरियाणा के सोनीपत जिले के बेगा, चंदौली, पबनेरा सहित कई गांवों से विवाद है। अब छपरौली क्षेत्र के नांगल गांव के किसान भी इस समस्या से जूझ रहे हैं।
तैयार फसलों को काटकर ले जाने का आरोप
नांगल के किसानों का आरोप है कि हरियाणा के किसान उनकी पकी फसल को काटकर ले जाते हैं। बची हुई फसल को बर्बाद कर देते हैं। इसलिए वे अपनी फसलों की रक्षा के लिए दिन-रात पहरा देने को मजबूर हैं।
किसानों का कहना है कि हरियाणा के किसानों के साथ वहां का प्रशासन भी आता है। जबकि बागपत प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं करता। हर चुनाव में नेता समाधान का आश्वासन देते हैं। लेकिन जिला प्रशासन हर बार मामले की जांच का आश्वासन देकर मुद्दे को टाल देता है। फसल की बुवाई और कटाई के समय दोनों राज्यों के किसानों के बीच विवाद होता रहता है।
 
				 
					



