लिंग परीक्षण पर होगी कड़ी कार्रवाई: डीएम का निर्देश – संदिग्ध अल्ट्रासाउंड सेंटर पर रखी जाए नजर, नियम तोड़ने पर रद्द होगा लाइसेंस 

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डीएम प्रवीण मिश्र ने कलेक्ट्रेट में बैठक की।

मऊ में डीएम प्रवीण मिश्र ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय लिंग संवेदीकरण बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने स्पष्ट किया कि लिंग जांच एक अपराध है। इस अपराध में लाइसेंस रद्द करने के साथ सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने लिंगानुपात के आंकड़े साझा किए। देश में प्रति हजार पुरुषों पर 940 महिलाएं हैं। उत्तर प्रदेश में यह संख्या 912 है। मऊ जनपद में यह आंकड़ा 979 है। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में 987 और शहरी क्षेत्र में 951 महिलाएं प्रति हजार पुरुषों पर हैं। चिंता का विषय बच्चों का लिंगानुपात है, जो जनपद में 926 है।

जनपद में कुल 82 पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं। डीएम ने सेंटर संचालकों को निर्देश दिए कि वे किसी भी दबाव या लालच में न आएं। उन्होंने बताया कि जहां अल्ट्रासाउंड मशीनों की संख्या बढ़ी है, वहां लिंगानुपात में गिरावट देखी गई है।

सेंटर संचालकों से अपील डीएम ने सेंटर संचालकों से अपील की कि लिंग परीक्षण की मांग करने वालों को स्पष्ट मना करें। उन्होंने कहा कि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। लड़कियों की कम संख्या से समाज का नैतिक पतन होता है। उन्होंने संचालकों को याद दिलाया कि लिंगानुपात सुधार कर वे देश की सेवा कर सकते हैं।

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