बाबा साहेब पर अभद्र टिप्पणी से भड़का दलित समाज, जमकर चले लाठी-डंडे

डॉ. भीमराव आंबेडकर के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने से दो पक्षों में लाठी-डंडे चल गए। इसमें दोनों पक्षों के चार लोग घायल हो गए। आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इंस्पेक्टर लोकेश भाटी पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया और आंबेडकर पार्क में धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारी कोतवाल मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे हालांकि इस मामले में पुलिस को दोनों ओर से तहरीर मिली है।
सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव टीकमपुरा निवासी दुष्यंत कुमार ने बताया कि नागेंद्र ठाकुर ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के खिलाफ गाली-गलौज लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इससे बाबा साहेब के अनुयायी भड़क गए।भड़काऊ पोस्ट देखकर लोग नागेंद्र के भाई विजय की दुकान पर पहुंचे और पोस्ट डिलीट कराने का आग्रह किया, तो नागेंद्र, विजय और मनोज ने लाठी-डंडा लेकर मारपीट और जातिसूचक गाली-गलौज कर दी जिससे वह घायल हो गए।
वहीं दूसरी ओर विजय ने तहरीर देकर बताया कि वह दुकान पर बैठे थे, तभी दुष्यंत, संदीप, अरुण, आयुष, शिवा, अंगद, विजय विशाल, वीरपाल आदि एक साथ आए और उन्होंने मारपीट कर दी, जिसमें तीन लोग घायल हो गए।दोनों ओर से पुलिस को तहरीर दी गई, लेकिन दलित समाज के युवकों ने पुलिस पर एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया। उनका कहना था कि जब वह पुलिस के पास पहुंचे तो इंस्पेक्टर लोकेश भाटी ने उन्हें कोतवाली से भगा दिया और जातिसूचक गालियां दीं।
इसके विरोध में आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष विशाल जाटव सहित दर्जनों कार्यकर्ता डॉ. भीमराव आंबेडकर पार्क सोरों गेट पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कोतवाल मुर्दाबाद के नारे लगाए। उनका कहना था कि यदि कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे धरना देकर उग्र आंदोलन करेंगे।
आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ – साथ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी पार्क में धरने पर पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना प्रदर्शन की खबर सुनते ही कासगंज और सहावर सीओ के साथ कई थानों का पुलिस फोर्स पहुंच गया।
सीओ आंचल चौहान और सहावर शाहिदा नसरीन ने प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वे कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की जिद पर अड़े रहे। बाद में दो बजे पुलिस द्वारा दोनों पक्षों पर मुकदमा दर्ज किए जाने और विधिक कार्रवाई किए जाने के बाद आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
आंचल चौहान सीओ कासगंज के अनुसार मोहनपुरा गांव में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था। एक पक्ष के लोगों ने इंस्पेक्टर लोकेश भाटी पर एक पक्ष की सुनवाई करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद लोग धरने पर बैठ गए थे। उन्हें समझा-बुझाकर मामला शांत कर दिया गया है। दोनों पक्षों की तहरीर पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
अमित प्रताप सिंह ब्यूरो चीफ कासगंज की रिपोर्ट