ईरान में अपने नागरिकों की हत्या के बाद जागी शरीफ सरकार, तेहरान से की कड़ी कार्रवाई की मांग।

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इस्लामाबाद: दक्षिण-पूर्वी ईरान में आठ पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या के बाद शहबाज शरीफ की सरकार तिलमिलाई हुई है। इस मामले में पाकिस्तान ने तेहरान से पूरा सहयोग मांगा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर बयान भी जारी किया है। बयान में कहा गया है कि नागरिकों की हत्या शनिवार को पाकिस्तान-ईरान सीमा से लगभग 230 किलोमीटर (142 मील) दूर, सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के मेहरेस्तान काउंटी में हुई है।

 

‘अपराधियों की पहचान की जाएगी’

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “अपराधियों की पहचान की जाएगी और न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगीा।” ईरान में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद मुदस्सिर ने ‘एक्स’ पर लिखा कि मारे गए सभी लोग मजदूर थे। इस्लामाबाद और तेहरान उनके शवों को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाकेई ने इस हत्या को आतंकवादी कृत्य बताया। उन्होंने कहा कि यह इस्लामी सिद्धांतों, कानूनों और मानवीय मानदंडों के विपरीत है।

बलूच लिबरेशन आर्मी करती रही है हमले

ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में फैला बलूचिस्तान क्षेत्र दो दशकों से अधिक समय से स्वतंत्रता चाहने वाले बलूच राष्ट्रवादियों के विद्रोह का सामना कर रहा है। पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में ‘बलूच लिबरेशन आर्मी’ अक्सर सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाती है।

यह भी जानें

करीब 900 किलोमीटर की लंबी ईरान-पाकिस्तान सीमा को गोल्डस्मिथ लाइन के नाम से जाना जाता है। यह अफगानिस्तान से उत्तरी अरब सागर तक फैली हुई है। लगभग 90 लाख बलूच सीमा के दोनों ओर रहते हैं। ईरान और पाकिस्तान पहले भी बलूच विद्रोह से निपटने के लिए सहयोग कर चुके हैं। लेकिन, साथ ही दोनों देश एक-दूसरे पर आतंकवादियों को पनाह देने और समर्थन करने का आरोप लगाते रहे हैं।

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