महिला कप्तान के होते हुए महिलाओं पर पुलिसिया बर्बरता की आई तस्वीरें

- घर में चोरी होने के बाद आक्रोश में पोस्ट डालने के बाद थाने पर बवाल
- 21 नामजद सहित कई अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज
- महिला पुलिस की गैरमौजूदगी में महिलाओं के साथ बर्बरता की तस्वीरें आईं सामने
कासगंज। जनपद में थाना पटियाली क्षेत्र के गांव देवरइया में नकबजनी की घटना को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद भारी बवाल हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि जांच के लिए गांव पहुंची पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट से नाराज़ होकर महिलाओं और पुरुषों को पीटा तथा घरों में जमकर तोड़फोड़ की तस्वीरों से साफ पता चलता है कि आक्रोश में पुलिस ने इस बात का भी ख्याल नहीं रखा कि महिलाओं को सिर्फ महिला पुलिस ही हाथ लगाए। वहीं, पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने पथराव किया, जिससे पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
इस पूरी घटना में पुलिस की बर्बरता के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों द्वारा कथित पथराव का कोई वीडियो सामने नहीं आया है। पुलिस ने 21 नामजद ग्रामीणों सहित 15 से 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, पथराव और लाठी-डंडों से हमला करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। गांव में इस समय तनाव और दहशत का माहौल है।
क्या है पूरा मामला
बताते चलें कि गांव देवरइया निवासी मूल चंद्र पुत्र प्यारेलाल के घर में शुक्रवार रात चोरों ने नकब लगाकर अलमारी में रखी चार–पांच सोने की अंगूठियां, तीन जोड़ी पाजेब, अन्य आभूषण और लगभग डेढ़ लाख रुपये नकद चोरी कर लिए। चोरी की सूचना मिलने पर पटियाली थाना पुलिस, इंस्पेक्टर राधेश्याम और सीओ आर.के. पांडेय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मौके पर चोरी की जांच कर रहे थे, तभी भारतीय किसान यूनियन स्वराज के प्रदेश महासचिव कुलदीप बघेल पहुंचे और पुलिस पर चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगाकर ग्रामीणों को भड़काया, जिसके बाद पथराव हुआ।
ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट से बौखला गई और भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचकर लाठीचार्ज किया, पुरुषों और महिलाओं को पीटा और घरों में तोड़फोड़ की। कूलर, चारपाई, चूल्हे आदि तोड़ दिए गए। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पुलिस के बर्बर व्यवहार के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जबकि पथराव का कोई प्रमाण पुलिस पेश नहीं कर सकी है। इसको लेकर गांव में भारी रोष और भय दोनों व्याप्त हैं।
पीड़ित ग्रामीणों पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
गांव देवरइया निवासी कुलदीप बघेल, महेश, दीपक, धर्मेंद्र, मुन्ना लाल, नरेश, पन्नालाल, जितेंद्र, धर्मवीर, विजेंद्र, सुखवीर, पप्पू, दीपक, अमित, खान, भूपेंद्र, अमन, अनीता, सुनीता, सरोज, विमलेश, कुसमा सहित 15–20 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों पर बलवा, पथराव, पुलिस टीम पर हमला, लाठी-डंडों से मारपीट जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। फिलहाल गांव में मीडिया के प्रवेश को पुलिस ने पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया है।
अमित प्रताप सिंह ब्यूरो चीफ कासगंज की रिपोर्ट