मथुरा में आंधी-तूफान ने मचाई तबाही: 24 घंटे बीतने के बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं, सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा 

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मथुरा में बुधवार देर शाम आए आंधी-तूफान ने बिजली व्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया। हालात ये रहे कि जिले के कई क्षेत्रों में 24 घंटे बीतने के बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। कुछ इलाकों में अंधेरा छाया रहा तो कहीं पानी की सप्लाई भी बाधित रही।

इस अव्यवस्था को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर बिजली विभाग और ऊर्जा मंत्री पर नाराज़गी जाहिर की। कई यूज़र्स ने पोस्ट करते हुए लिखा कि “पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के कार्यकाल में बिजली जाती नहीं थी, और अब ए.के. शर्मा के समय पर आती नहीं है।”

आंधी से धरासाई हुए बिजली पोल

बुधवार देर शाम आई आंधी ने मथुरा का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया। कई इलाकों में लाइट के पोल धरासाई हो गए तो कहीं पेड़ टूटकर बिजली के तारों पर गिर गए। जिसके कारण जिले की लाइट व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। कई इलाके अंधेरे में डूब गए। लाइट न आने की बजह से पेयजल सप्लाई में भी बाधा उत्पन्न हो गई।

कई इलाकों में लाइट के पोल धरासाई हो गए तो कहीं पेड़ टूटकर बिजली के तारों पर गिर गए

इनवर्टर हुए फेल

बुधवार रात से खराब हुई बिजली व्यवस्था जिले के कई ग्रामीण इलाकों में गुरुवार देर रात तक नहीं सुधर सकी। बुधवार की शाम को आंधी की बजह से नदारद हुई लाइट के कारण इनवर्टर भी फेल हो गए। चार्ज न होने के कारण इनवर्टर ने भी काम करना बंद कर दिया। बुधवार की रात तो जैसे तैसे लोगों ने काट ली लेकिन गुरुवार का दिन निकालना उनके लिए मुसीबत बन गया।

नदारद हुई लाइट के कारण इनवर्टर भी फेल हो गए। चार्ज न होने के कारण इनवर्टर ने भी काम करना बंद कर दिया

कामकाजी लोगों को उठानी पड़ी दिक्कत

बुधवार रात से गायब हुई लाइट के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को हुई जिनको नौकरी व्यवसाय के सिलसिले में जाना था। लाइट न आने से पानी नहीं आया जिससे उनकी दिनचर्या गड़बड़ा गई। इस समस्या का सामना स्कूल जाने वाले बच्चों को भी करना पड़ा। रात भर सही से नींद पूरी न हो पाने और पानी न आने के कारण कई बच्चे स्कूल नहीं जा सके।

कई इलाके अंधेरे में डूब गए। लाइट न आने की बजह से पेयजल सप्लाई में भी बाधा उत्पन्न हो गई

अधिकारियों के फोन रहे बंद

आंधी की बजह से बाधित हुई बिजली सप्लाई को दोबारा सुचारू करने में सबसे बड़ी बाधा बनी संविदा कर्मियों की हड़ताल। 72 घंटे की हड़ताल पर गए संविदा कर्मियों के न होने से बिजली विभाग के पास कर्मचारियों की कमी देखने को मिली। लाइट नदारद हुई तो ज्यादातर बिजली अधिकारियों के फोन बंद हो गए और जिनके चल रहे थे वह फोन कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे।

सोशल मीडिया पर पूर्व ऊर्जा मंत्री को याद करने लगे लोग

मथुरा के कई इलाकों में 24 घंटे बाद भी लाइट व्यवस्था सुचारू नहीं हुई तो लोग पूर्व ऊर्जा मंत्री श्री कांत शर्मा के कार्यकाल को याद करने लगे। सोशल मीडिया पर किसी ने पोस्ट की कि श्री कांत शर्मा जब ऊर्जा मंत्री थे तो पूरे प्रदेश की लाइट व्यवस्था दुरुस्त थी। किसी ने पोस्ट की कि श्री कांत शर्मा के समय लाइट जाती नहीं थी और अब ए के शर्मा के समय आती नहीं।

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