देवरिया के तिरुपति बालाजी मंदिर में हुआ विशेष आयोजन: वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान वेंकटेश का ज्येष्ठाभिषेक संपन्न, श्रद्धालुओं में वितरित हुआ प्रसाद

अभिषेक की प्रक्रिया में सर्वप्रथम भगवान वेंकटेश और माता पद्मावती की प्रतिमाओं को आसन पर विराजमान किया गया। फर्श पर चावल बिछाकर 108 कलशों में आम्ररस, दही और विभिन्न वनौषधियों का रस रखा गया। प्रत्येक कलश में कुशा और आम्रपल्लव भी स्थापित किए गए।
स्वामी राजनारायणाचार्य ने वनौषधियों के रस, आम्ररस और दही से क्रमशः भगवान का अभिषेक किया। इसके बाद प्रतिमाओं पर हल्दी लगाई गई। चांदी के विशेष पात्र से शुद्धोदक स्नान कराया गया। अर्चकों ने चांदी की आखा से विधिवत स्नान कराया।
अभिषेक के पश्चात भगवान की आरती की गई और धूप अर्पित की गई। श्रद्धालुओं में आमरस और पूड़ी का प्रसाद वितरित किया गया। स्वामी राजनारायणाचार्य ने बताया कि यह विशेष पूजा देश की रक्षा, सूखा, वज्रपात, तूफान, अकाल मृत्यु और आगजनी जैसी विपत्तियों से बचाव के लिए की गई।